US-यूरोपीय देशों की रूस पर ऑयल प्रतिबंध की तैयारी! भारत में कितनी भड़केगी पेट्रोल-डीजल की महंगाई
ब्रेंट के भाव 2008 के बाद पहली बार 7 मार्च को 139 डॉलर के लेवल पर पहुंच गए. क्रूड के 200 डॉलर तक जाने की बात की जा रही है.
Crude prices: रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ने कोहराम मचा रखा है. 7 मार्च को क्रूड के भाव 139 डॉलर तक पहुंच गए, जो कि 2008 के बाद का रिकॉर्ड हाई लेवल है. क्रूड के भड़कने की बड़ी वजह उन खबरों को बताया जा रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर डायरेक्ट ऑयल प्रतिबंध लगा सकते हैं. सीधे ऑयल प्रतिबंध लगने से रूस से बाकी दुनिया के देश क्रूड नहीं खरीद सकेंगे. इससे इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की सप्लाई पर असर पड़ना तय माना जा रहा है. इससे जहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जोरदार उछाल आ सकता है, वहीं महंगाई भी भड़क सकती है. ऐसे में अब केंद्र सरकार के रुख पर सबकी नजर रहेगी कि सरकार क्रूड की मौजूदा महंगाई के बीच आम लोगों को राहत देने के लिए क्या कदम उठाती है. जी बिजनेस ने इन सभी पहलुओं पर पूर्व पेट्रोलियम सेक्रेटरी आरएस पांडे से बात की.
ऑयल प्रतिबंध से दुनिया के हर देश पर असर
पूर्व पेट्रोलियम सेक्रेटरी आरएस पांडे का कहना है, रूस-यूक्रेन के बीच जब से लड़ाई छिड़ी है, संकट के हालात हो गए हैं. अमेरिका और यूरोपीय देश मिलकर रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों के अलावा ऑयल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं. अगर ऑयल पर प्रतिबंध लग गया तो यह 140 डॉलर से भी ज्यादा चढ़ेगा. प्रतिबंध लगने से दुनिया के हर देश पर असर होगा. यूरोपीय यूनियन की इकोनॉमी भी ऑयल एंड गैस पर प्रतिबंध लगने से प्रभावित होगी.
उनका कहना है, प्रतिबंध लगाने की बात तो हो रही है, लेकिन ये प्रतिबंध लगाते हैं कि नहीं. अगर लगाते हैं, तो क्रूड यहां से बहुत ऊंचे स्तर पर जाएगा. अगर नहीं लगाते हैं, तो भी ऊंचे स्तर पर रहेगा. जो अभी का स्तर है इससे थोड़ा कम हो सकता है, जब तक जंग चल रही है. क्योंकि, अगर प्रतिबंध नहीं हो तो भी रसियन ऑयल जो सबसे टॉप एक्सपोर्टर है, उसे खरीदने वाले इतने नहीं है. जब प्रतिबंध लग जाएगा, तब कोई खरीद ही नहीं पाएगा. यह अब देखने की बात है. ये बहुत बड़ा संकट है. ऐसा ही संकट 2008 में आया था, जब क्रूड 147 के स्तर उपर पर पहुंच गया था.
क्या 200 डॉलर तक जाएगा क्रूड?
अगर रूस से ग्लोबल मार्केट में क्रूड की सप्लाई पूरी तरह बंद हो जाएगी, तो भाव 200 डॉलर तक जा सकता है. इन अटकलों पर आरएस पांडे का कहना है, यह बताना मुश्किल है कि क्रूड 200 के पास जाएगा या 150-160 तक रहेगा. लेकिन इसमें एक बात यह भी चल रही है कि ईरान से भी ऑयल रिलीज हो, इसके लिए भी चर्चा चल रही है. वो भी अभी शुरुआती लेवल पर है. अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान से अभी एक्सपोर्ट बहुत हैं. अगर किसी तरह से इसका हल निकला, तो ईरान भी बहुत बड़ा प्रोड्यूसर है उसके पास कैपैसिटी है. अगर कुछ भरपाई हो गई तो ये संकट कम होगा.
उनका कहना है, अमेरिका, यूरोपीय देशों को यह भी देखना होगा कि ऑयल की सप्लाई कहां से आएगी. क्योंकि स्ट्रैटजिक रिजर्व इतना नहीं है कि उससे बहुत दिनों तक काम चल सके. ये संकट के हालात है. रूस पर टोटल प्रतिबंध लगाते हैं या आंशिक लगाते हैं. उसकी भरपाई ईरान या कहीं और से हो सकती है या नहीं. ओपेक के देश कैसे बर्ताव करते हैं. अभी अनिश्चितता बहुत है. लेकिन अगर ऑयल सेक्टर में उछाल होगा तो पूरी दुनिया में इसका असर होगा.
भारत में तेजी से बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
देश में जब क्रूड 70 डॉलर के आसपास प्राइस था तो आखिर बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े थे, तब से अबतक क्रूड के दाम लगभग डबल हो गए है. ऐसे में यह अहम सवाल है कि क्या पेट्रोल-डीजल की महंगाई भी क्रूड की तरह बढ़ेगी या सरकार कंज्यूमर को राहत देने के लिए किसी तरह रास्ता निकालेगी. इस बारे में पूर्व पेट्रोलियम सेक्रेटरी का कहना है, अगर ये जंग नहीं होती तो भी प्राइस 100 के आसपास पहुंच गया था. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के दाम रिवाइज करना ही है. रिवाइज नहीं करने से पेट्रोल कंपनियों पर ज्यादा असर होगा. हमारा जो टैक्सेशन स्ट्रक्चर है, वो बहुत ज्यादा है. एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल और डीजल पर बहुत ज्यादा है. इसमें कमी की जा सकती है. हालांकि, इसमें कमी आती है, तो सरकार का रेवेन्यू कम हो जाएगा.
उनका कहना है, अगर कमी नहीं की जाएगी, तो जैसे 2008 में हमने किया था- कुछ बोझ कंज्यूमर पर पड़ा, कुछ कंपनियों पर पड़ा और कुछ क्रेडिट लिए गए ऑयल बॉन्ड के आधार पर. हालांकि, हमारे देश में अभी डेट का लेवल भी हाई है. लेकिन दाम बढ़ाना पड़ेगा. कुल मिलाकर हालात बहुत कठिन है. कुछ सरकार भी सहेगी. कुछ कंज्यूमर पर भी बोझ पड़ेगा. और डेट थोड़ा बढ़ाकर रास्ता निकाला जा सकता है. केंद्र सरकार का बजट 40 लाख करोड़ का है. आमदनी में कटौती कितनी करें, खर्च में कटौती कितनी करें. यह देखना होगा.
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