केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि बैंकिंग व्यवस्था में एनपीए के रूप में आए महासंकट की जिम्मेदार कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार है. ईरानी ने इसके लिए सोनिया गांधी को भी निशाने पर लिया और कहा कि उन्होंने बैंकिंग व्यवस्था की बुनियाद पर हमला किया. अपनी बात के समर्थन में उन्होंने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बयान का हवाला दिया.

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ईरानी ने कहा, 'यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने भारतीय बैंकिंग सिस्टम के बुनियाद पर हमला किया. रघुराम राजन ने कहा है कि 2006-08 के बीच, यूपीए के लोगों ने भारतीय बैंकिंग स्ट्रक्चर में एनपीए को बढ़ने दिया.'

रघुराम राजन के मुताबिक, बैंकर्स के अलावा आर्थिक मंदी के साथ फैसले लेने में सरकार की लापरवाही भी जिम्मेदार रही. साथ ही NPA में जो बढ़ोतरी हुई है, उसके लिए पूर्व UPA सरकार में हुए घोटाले भी बड़ी वजह है. रघुराम राजन ने संसदीय समिति को दिए जवाब में कहा कि सबसे ज्यादा एनपीए यूपीए सरकार के कार्यकाल 2006-2008 के बीच रहा.

चोकसी पर खामोश 

संसदीय समिति की एस्टिमेट कमिटी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को रघुराम राजन ने अपना नोट भेजा है. उन्होंने लिखा है कि कोयला खदानों के संदिग्ध आवंटन और जांच के डर जैसी समस्याओं की वजह से यूपीए और उसके बाद एनडीए सरकार ने फैसले लेने में देरी की. यही वजह रही कि कर्जदारों के लिए कर्ज चुकाना मुश्किल होता गया.

मेहुल चोकसी के बायन पर उन्होंने कहा, 'ये सवाल जांच एजेंसियों से पूछना चाहिए. एक कैबिनेट मंत्री के रूप में मुझे ऐसे आरोपों का जवाब नहीं देना चाहिए.' मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ से एक वीडियो जारी कर कहा था कि जांच एजेंसियां उसे जानबूझ कर फंसा रही हैं. ईरानी ने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कहा कि राहुल गांधी इनकम टैक्स से बचने के लिए कोर्ट गए, इससे पता चलता है कि कांग्रेस पूरी तरह से एक्पोज हो चुकी है.