SBI ने चुनाव आयोग के साथ शेयर किया इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा, जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड करेगा EC
SBI Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े सभी विवरण सौंप दिए गए हैं. चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक SBI द्वारा मिली जानकारी को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा.
SBI Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण सौंप दिया है. चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है. सुप्रीम कोर्ट के 15 फरवरी और 11 मार्च के आदेश के अनुसार चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक SBI द्वारा मिली जानकारी को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा. आपको बता दें कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी को सार्वजनिक करने पर एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मांगी थी. हालांकि, उच्चतम न्यायलय ने बैंक की याचिका को खारिज कर दिया था.
SBI Electoral Bonds: चुनाव आयोग वेबसाइट पर जल्द अपलोड करेगा डाटा
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने X पर लिखा, ' 15 फरवरी और 11 मार्च, 2024 के अपने आदेश में शामिल SBI को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में, भारतीय स्टेट बैंक द्वारा आज भारतीय चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड पर डेटा प्रदान किया गया है.' सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने तक सभी विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपने को कहा था. वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मिली जानकारी को चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा.
SBI Electoral Bonds: 30 किस्त में जारी किए थे 16,518 करोड़ रुपए, 2018 में हुई थी पहली बिक्री
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्त में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बाॉन्ड जारी किए था. चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक खाते के माध्यम से भुनाए जाने थे. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इन बॉन्ड को जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है. चुनावी बॉन्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए इसे ‘असंवैधानिक’ करार दिया था.
SBI Electoral Bonds: SBI ने कहा क्रॉस चेक करने में लगेगा समय, सुप्रीम कोर्ट ने दी थी चेतावनी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी याचिका में दावा किया था कि डेटा इकट्ठा करने, क्रॉस-चेक करने और जारी करने में काफी समय लगेगा, जिसे गोपनीयता बनाए रखने के लिए दो सालों में संग्रहित किया गया है. हालांकि, चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश न मानने को लेकर बैंक की कड़ी आलोचना की और कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
एजेंसी इनपुट के साथ