Petrol: 2025 तक खरीद सकेंगे 20% एथेनॉल मिला पेट्रोल, पेट्रोलियम मंत्री ने कहा- किसानों को भी होगा फायदा
Ethanol Blended Petrol: पेट्रोलियम मंत्री (Oil minister) हरदीप सिंह पुरी ने कहा, हम अगले वित्त वर्ष तक 20% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति करने में सक्षम होंगे. इस समय पेट्रोल में 10% एथेनॉल मिलाया जाता है, सरकार 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने की सोच रही है.
Petrol Ethanol Blending: पेट्रोलियम मंत्री (Oil minister) हरदीप सिंह पुरी ने भरोसा जताया कि 2024-25 तक 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा. सरकार ने पहले पेट्रोल (Petrol) में 20% एथेनॉल मिलाने के लिए 2030 का लक्ष्य तय किया था, हालांकि इसे 5 साल पहले ही हासिल कर लिया जाएगा.
सरकार ने फरवरी में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंपों (Petrol Pump)पर 20% एथेनॉल मिले पेट्रोल की बिक्री शुरू की थी. इस पहल का मकसद बायो फ्यूल (Biofuel) के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है, ताकि उत्सर्जन में कटौती हो और साथ ही बहुमूल्य विदेशी मुद्रा बचे.
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2025 तक पेट्रोल में दोगुना मिलाया जाएगा एथेनॉल
पुरी ने यहां एक सम्मेलन में कहा, मुझे यकीन है कि हम अगले वित्त वर्ष तक 20% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति करने में सक्षम होंगे. इस समय पेट्रोल में 10% एथेनॉल मिलाया जाता है, सरकार 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने की सोच रही है.
सालाना 4 अरबर डॉलर बचत होने का अनुमान
उन्होंने कहा कि पेट्रोल में 10% एथेनॉल मिश्रण से 41,500 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा की बचत हुई है. साथ ही इससे किसानों को भी लाभ हुआ है. 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण के साथ पेट्रोल की आपूर्ति से सालाना चार अरब डॉलर की बचत होने का अनुमान है.
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आपको बता दें कि अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एथेनॉल उत्पादक है. दुनियाभर में एथेनॉल का उपयोग बड़े पैमाने पर दूसरे कार्यों में किया जाता है लेकिन ब्राजील और भारत जैसे देश इसे पेट्रोल में मिला रहे हैं.
गन्ने के साथ-साथ टूटे चावल और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए एथेनॉल के उपयोग से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक देश को विदेशी शिपमेंट पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी. भारत फिलहाल अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी आयात पर निर्भर है. साथ ही, यह कार्बन उत्सर्जन में कटौती करता है.
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