लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और इससे पहले कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं. बॉक्‍सर विजेंदर सिंह के इस्‍तीफे के बाद कांग्रेस के फायरब्रांड नेता गौरव वल्‍लभ ने भी पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया. उन्‍होंने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर कांग्रेस छोड़ने के बारे में जानकारी दी और इसका कारण भी बताया. इस्‍तीफे के कुछ ही घंटों बाद उन्‍होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली. बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में वे बीजेपी में शामिल हुए.

सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता

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X पर इस्‍तीफे की पोस्‍ट को शेयर करते हुए गौरव वल्‍लभ ने पोस्‍ट में लिखा था कि 'आज जिस प्रकार से पार्टी दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा. मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता. इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं.

युवाओं के साथ सामंजस्‍य नहीं बैठा पा रही पार्टी

बता दें कि वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी. उन्होंने अपने इस्‍तीफे में लिखा कि जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ था तो मेरा यह मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जिसमें युवाओं और बौद्धिक लोगों की और उनके विचारों की कद्र होती है. लेकिन पिछले कुछ समय से महसूस हुआ की पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए विचार वाले युवाओं के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पा रहा है.

मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं

बल्लभ ने दावा किया कि कांग्रेस जमीन से पूरी तरह कट चुकी है और वह नए भारत की आकांक्षा को नहीं समझ पा रही है, जिसके कारण पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही है और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है. वल्लभ का कहना है कि पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम से दूर रहने का जो रुख अपनाया उससे वह क्षुब्ध हुए. उन्होंने इस्तीफे में कहा कि मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं. पार्टी के इस रुख ने मुझे हमेशा क्षुब्ध और परेशान किया. 

कांग्रेस का रुख वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने वाला

पार्टी व (इंडिया) गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हैं और उस पर पार्टी का चुप रहना, उसे एक तरह से मौन स्वीकृति देने जैसा है. उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा है कि पार्टी इस संदर्भ में भी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है. एक तरफ हम जाति जनगणना की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं. यही कार्य शैली जनता के बीच यह भ्रामक संदेश दे रही है कि पार्टी एक खास धर्म की हिमायती है.

यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है. वल्लभ ने इस्‍तीफे में यह दावा भी किया कि वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस का रुख हमेशा वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने वाला रहा है और देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नकारात्मक रहा है. उनका कहना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे.

भाषा से इनपुट