सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपनी बहुप्रतीक्षित प्रमुख गहरे समुद्र परियोजना से तेल उत्पादन शुरू कर दिया है. कंपनी ने कहा कि इससे उसे कई साल के उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटने में मदद मिलेगी. कंपनी ने बयान में कहा कि बंगाल की खाड़ी में गहरे पानी के केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक से पहला तेल सात जनवरी को निकला है. कंपनी ने कहा है कि वह धीरे-धीरे यहां से उत्पादन बढ़ाएगी. 

हरदीप सिंह पुरी ने दी जानकारी

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पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस ब्लॉक से उत्पादन शुरू होने की घोषणा की. उन्होंने मौजूदा उत्पादन के बारे में कोई संकेत न देते हुए कहा कि कच्चा तेल उत्पादन प्रतिदिन 45,000 बैरल और गैस उत्पादन एक करोड़ घनमीटर प्रतिदिन रहने की उम्मीद है. ओएनजीसी ने बयान में कहा कि 98/2 परियोजना से उसकी कुल तेल और गैस उत्पादन क्षमता में क्रमश: 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. 

 

ओएनजीसी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल और 20 अरब घनमीटर प्रतिदिन गैस का उत्पादन किया था. 

कोरोना महामारी के कारण हुई देरी

केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक केजी बेसिन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक के पास है. आंध्र प्रदेश तट से 35 किलोमीटर दूर यह ब्लॉक 300-3200 मीटर गहरे पानी में स्थित है. इस ब्लॉक की खोजों को क्लस्टर-1, 2 और 3 में बांटा गया है. सबसे पहले क्लस्टर-2 में उत्पादन शुरू हुआ है. क्लस्टर-2 तेल का उत्पादन नवंबर, 2021 तक शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई. 

ओएनजीसी ने समुद्र के नीचे से तेल का उत्पादन शुरू करने के लिए फ्लोटिंग जहाज आर्मडा स्टर्लिंग-वी किराये पर लिया है. इसका 70 प्रतिशत स्वामित्व शापूरजी पालोनजी ऑयल एंड गैस के पास और 30 प्रतिशत मलेशिया की बुमी आर्मडा के पास है. ओएनजीसी ने क्लस्टर-2 तेल की पहली समयसीमा मई, 2023 निर्धारित की थी. इसे बाद में बढ़ाकर अगस्त, 2023, सितंबर 2023, अक्टूबर, 2023 और अंत में दिसंबर, 2023 किया गया था.