MSP Committee Meeting: फसलों के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP), प्राकृतिक खेती (Natural Farming), क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन (Crop Diversification)  पर गठित समिति की दूसरी बैठक 27 सितंबर 2022 को हैदराबाद में होगी. सरकार की तरफ से गठित इस समिति की पहली बैठक पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में 22 अगस्त को नई दिल्ली में हुई थी. उस बैठक में विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श के लिए तीन आंतरिक सब-ग्रुप बनाए गए थे.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पैनल में अध्यक्ष सहित 26 सदस्य हैं, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रतिनिधियों के लिए तीन सदस्यता स्लॉट अलग रखे गए हैं. लेकिन एसकेएम ने समिति को खारिज कर दिया और बैठक से दूर रहने का फैसला किया.

27 सितंबर को होगी दूसरी बैठक

दूसरी बैठक 27 सितंबर को हैदराबाद में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट (MANAGE) के परिसर में होगी. एक सदस्य ने कहा, सबसे अधिक संभावना है कि पूरी समिति अनिवार्य विषयों पर एक दिन के विचार-विमर्श के लिए बैठक करेगी.

कृषि मंत्रालय की 18 जुलाई की अधिसूचना के अनुसार, समिति को प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाकर देश के किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराने के सुझाव देने के लिए अनिवार्य किया गया है. यह एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) को अधिक स्वायत्तता देने की व्यावहारिकता और इसे और अधिक वैज्ञानिक बनाने के उपायों पर भी सुझाव देगा. इसके अलावा, यह घरेलू और निर्यात अवसरों का लाभ उठाकर किसानों को उनकी उपज के लाभकारी मूल्य के माध्यम से उच्च मूल्य सुनिश्चित करने के लिए बदलती आवश्यकताओं के अनुसार एग्रीकल्चर मार्केटिंग सिस्टम को मजबूत करने के लिए सिफारिशें देगा.

समिति को नेचुरल फार्मिंग के संबंध में पांच बिंदुओं का सुझाव देने के अलावा, वैल्यू चेन डेवलपमेंट के लिए कार्यक्रमों और योजनाओं का सुझाव देने हैं. इसके अलावा, भविष्य की जरूरतों के लिए प्रोटोकॉल वैलिडेशन एंड रिसर्च और भारतीय प्राकृतिक कृषि प्रणाली के तहत क्षेत्र के विस्तार के लिए प्रचार और भागीदारी और योगदान के माध्यम से समर्थन करने का काम सौंपा गया है.

3 कृषि कानून रद्द

SKM ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध की अगुवाई की और सरकार को उन्हें निरस्त करने के लिए मजबूर किया जिसके बाद 18 जुलाई को इस समिति की स्थापना की गई थी. SKM ने पहले ही इस समिति को खारिज कर दिया है और अपने प्रतिनिधियों को नामित नहीं करने का फैसला किया है.  पिछले साल नवंबर में 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के एमएसपी के मुद्दे पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया था.