देश में सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बीमा कंपनियों का विलय अपने वित्त वित्त वर्ष में हो सकता है. इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. एक मीडिया रिपोर्ट में इनमें से एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है, 'एक संयुक्त इकाई बनाकर हम घाटे को और कम कर सकेंगे.'

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बजट में की गई थी घोषणा

सरकार ने 2018 के बजट में घोषणा की थी कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का विलय किया जाएगा. समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इन कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने कामकाज को अधिक कारगर और किफायती बनाएं. अधिकारियों ने बताया कि कंपनी अपनी रियल एस्सेट संपत्तियों से आमदनी बढ़ाने पर विचार करे रही हैं.

विलय में क्यों लग रहा है समय

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार तीनों फर्म की एचआर प्रैक्टिस की समीक्षा पर भी विचार कर रही है. उन्होंने बताया, 'इस समय कोई तालमेल नहीं है. विलय से इन बीमा कंपनियों का व्यावसायिक हित प्रभावित होगा.' 

सरकार की योजना है कि विलय के बाद बनी कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाए. 2017-18 में सरकार ने नेशनल इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कंपनी में 11.65 प्रतिशत और 12.5 प्रतिशत विनिवेश किया था. ओरियंटल इंश्योरेंस ने कहा कि सरकार इन कंपनियों की मदद के लिए कुछ पूंजी लगा सकती है.