India export: ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती और महंगाई का असर, सितंबर तिमाही में निर्यात में गिरावट की संभावना
India export: सितंबर तिमाही में देश के निर्यात पर ग्लोबल फैक्टर्स का असर दिख सकता है. इस तिमाही में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 114 बिलियन डॉलर रह सकता है. जून तिमाही में यह 119 बिलियन डॉलर रहा था.
India export: अगस्त महीने में देश के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण ट्रेड डेफिसिट (Trade deficit) में दोगुना से ज्यादा उछाल दर्ज किया गया. माना जा रहा है कि सितंबर तिमाही में भी देश का निर्यात कमजोर रहेगा. एक्जिम बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान देश का वस्तुओं का निर्यात 114.4 बिलियन डॉलर रह सकता है. जून तिमाही में यह 119 बिलियन डॉलर रहा था. वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में देश का कुल निर्यात 450 बिलियन डॉलर के पार जाने की उम्मीद है.
जून तिमाही में 25 फीसदी उछाल आया था
सितंबर तिमाही में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में 11.4 फीसदी की तेजी का अनुमान है. जून तिमाही के मुकाबले यह तेजी कम है. जून तिमाही में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में सालाना आधार पर 25 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया था. माना जा रहा है कि ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी की कीमतों में नरमी से भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा प्रमुख व्यापार भागीदारों में संभावित मंदी से भी निर्यात पर असर होगा.
अगस्त में ट्रेड डेफिसिट दोगुना से ज्यादा
अगस्त महीने में देश का निर्यात 1.15 फीसदी घटकर 33 बिलियन डॉलर रहा है जबकि व्यापार घाटा दोगुने से भी अधिक बढ़कर 28.68 बिलियन डॉलर हो गया है. एक साल पहले अगस्त 2021 में व्यापार घाटा 11.71 बिलियन डॉलर रहा था. अगस्त 2022 में देश का आयात एक साल पहले की तुलना में 37 फीसदी बढ़कर 61.68 बिलियन डॉलर रहा था.
सुस्ती और महंगाई का असर
भारत के निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) ने तिमाही आंकड़े जारी करते हुए कहा है कि दूसरी तिमाही के निर्यात के आंकड़े वैश्विक स्तर पर कमोडिटी कीमतों में नरमी, प्रमुख व्यापार भागीदार देशों में संभावित सुस्ती, महंगाई के दबाव और सख्त मौद्रिक रुख से प्रभावित हो सकते हैं. एक्जिम बैंक जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च के पहले सप्ताह में अपने तिमाही अनुमान जारी करता है. एक्जिम बैंक देश से निर्यात के तिमाही आंकड़ों का अनुमान एक्पोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ELI) से लगाता है, जो इसका खुद का मॉडल है. ईएलआई देश के निर्यात परिदृश्य का आकलन करता है. यह देश से तिमाही आधार पर कुल वस्तुओं के निर्यात और गैर-तेल निर्यात का आकलन करता है. यह देश के निर्यात को प्रभावित करने वाले तमाम घरेलू और वैश्विक कारकों का भी आकलन करता है.
अप्रैल-अगस्त के बीच व्यापार घाटा 125 बिलियन डॉलर
इधर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान देश का निर्यात 17.12 फीसदी बढ़कर 192.59 बिलियन डॉलर हो गया, वहीं आयात 45.64 फीसदी बढ़कर 317.81 बिलियन डॉलर हो गया. इसी अवधि में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 125.22 बिलियन डॉलर हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 53.78 बिलियन डॉलर था. अगस्त में तेल आयात 86.44 फीसदी बढ़कर 17.6 बिलियन डॉलर हो गया जबकि सोने का आयात 47.54 फीसदी गिरकर 3.51 बिलियन डॉलर हो गया.
(भाषा इनपुट के साथ)