देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 मई को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर घटकर 646.67 अरब डॉलर रहा. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पूर्व के सप्ताह में विदेशीमुद्रा भंडार 4.55 अरब डॉलर की तेजी के साथ 648.7 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 24 मई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.51 अरब डॉलर घटकर 567.49 अरब डॉलर रह गयी.

गोल्ड रिजर्व की वैल्यु 48.2 करोड़ डॉलर घटी

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 48.2 करोड़ डॉलर घटकर 56.71 अरब डॉलर रह गया. विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.13 अरब डॉलर रहा. रिजर्व बैंक के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा भी 10 लाख डॉलर घटकर 4.33 अरब डॉलर रहा.

UK से 100 टन सोना वापस मंगवाया

इधर  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से 100 टन सोना यूके के वॉल्ट से भारत वापस मंगाया गया है. इसका उद्देश्य सोना जमा करने की लागत कम करना था. मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी दी गई है. 1991 के बाद यह पहली बार है जब भारत की ओर से इतनी बड़ी मात्रा में विदेश से सोना वापस मंगाया गया है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने कहा, “आरबीआई ने 100 टन सोना यूके से भारत में शिफ्ट किया है.” उन्होंने आगे कहा कि कई देशों की ओर से बैंक ऑफ इंग्लैंड के वॉल्ट में गोल्ड रखा जाता है. इसके लिए एक फीस भी अदा की जाती है. भारत अब अपना ज्यादातर सोना अपने पास रखता है. 1991 में संकट के दौरान हमें अपने सोने के विदेश में गिरवी रखना पड़ा था, लेकिन अब हम वहां से काफी आगे आ गए हैं.”

 

(भाषा इनपुट के साथ)