वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि देश का निर्यात बीते वित्त वर्ष 2022-23 में करीब छह फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 447 बिलियन डॉलर रहा. मुख्य रूप से पेट्रोलियम, औषधि, रसायन तथा समुद्री उत्पादों के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन से निर्यात अच्छा रहा है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में निर्यात 422 बिलियन डॉलर था. देश का आयात भी आलोच्य वित्त वर्ष में 16.5 फीसदी बढ़कर 714 बिलियन डॉलर रहा जो एक साल पहले 2021-22 में 613 बिलियन डॉलर था.  गोयल ने कहा कि वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात नई ऊंचाई पर पहुंचा है और 2022-23 में 14 फीसदी बढ़कर 770 बिलियन डॉलर रहा जो एक साल पहले 676 बिलियन डॉलर था. मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘...भारत के निर्यात का प्रदर्शन शानदार रहा है. देश से कुल निर्यात 2022-23 में 770 बिलियन डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह 14 फीसदी अधिक है. 2020 में यह 500 बिलियन डॉलर तथा 2021-22 में 676 बिलियन डॉलर था.’’ 

फ्रांस और इटली के दौरे पर गोयल

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गोयल 11 से 13 अप्रैल के दौरान फ्रांस और इटली की तीन दिन यात्रा पर हैं. वह अपनी यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिये दोनों देशों के नेताओं और विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. देश का सेवा निर्यात भी 2022-23 में 27.16 फीसदी बढ़कर 323 बिलियन डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 254 बिलियन डॉलर था. उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में भारत के अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार का संकेत है.’’ देश का कुल वस्तुओं और सेवाओं का आयात आलोच्य तिमाही में 892 बिलियन डॉलर रहा. यह बताता है कि देश की आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और इससे निर्यात को समर्थन मिल रहा है. यहां संवाददाताओं से बातचीत में गोयल ने कहा कि निर्यात में वृद्धि से चालू खाते के घाटे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. सेवा क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी, लेखा और ‘बिजनेस प्रोसेसिंग’ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि हुई है. 

770 बिलियन डॉलर का ओवरऑल एक्सपोर्ट

वस्तुओं की श्रेणी में जिन क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गई, उनमें ऑयल मील, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तंबाकू, तिलहन, चावल, कॉफी, फल और सब्जियां, चमड़े का सामान, सेरेमिक, औषधि, समुद्री उत्पाद, रसायन और तैयार वस्त्र शामिल हैं. सेवा आयात 2022-23 में 178 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 147 बिलियन डॉलर था. गोयल ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात लगभग 100 बिलियन डॉलर बढ़कर 770 बिलियन डॉलर को पार कर गया है. यह तब हासिल किया गया है जब दुनिया में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नरमी है. विकसित देशों में मंदी की स्थिति और कई देशों में महंगाई की ऊंची दर देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि रूस, यूक्रेन में संघर्ष के कारण चिंताएं थीं. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर भी चिंता थी कि विकसित दुनिया में माल भंडार हमें इस तरह के ‘शानदार’ प्रदर्शन को हासिल करने में मदद नहीं कर सकता है. 

महंगाई में कमी आई है

गोयल ने कहा, ‘‘यह वास्तव में संतोष की बात है कि हमने वस्तुओं और सेवाओं दोनों के निर्यात में वृद्धि दर्ज की है....’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हम पूरे आर्थिक परिदृश्य को देखते हैं, जहां जीएसटी (माल एवं सेवा कर) संग्रह ऊंचा है, निर्यात रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और जहां मुद्रास्फीत की दर घटी है...600 बिलियन डॉलर से अधिक विदेशी मुद्रा भंडार वास्तव में देश के रुख को बताता है.’’ गोयल ने कहा कि जब दुनिया वैश्विक मूल्य श्रृंखला में बढ़ रही है तो भारत आयात और निर्यात दोनों में अपने विस्तार की संभावना देखेगा. 

रेमिटेंस 100 बिलियन डॉलर के पार

उन्होंने कहा कि आंकड़े यह भी बताते हैं कि चालू खाते का घाटा (सीएडी) नियंत्रण में रहेगा क्योंकि विदेश से भेजा गया मनीऑर्डर (धन प्रेषण) 100 बिलियन डॉलर को पार कर गया है और निवेश का अच्छा प्रवाह है. गोयल ने यह भी कहा कि अभी जो आंकड़े हैं, वह अनुमान है. “वास्तविक आंकड़ा आएगा तो मेरा अनुमान है कि भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात 772 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा.” उन्होंने 2023-24 के लक्ष्यों पर कहा कि मंत्रालय क्षेत्रीय और देश-वार विशिष्ट योजनाएं तैयार करेगा तथा चालू वर्ष के लिये लक्ष्य को निर्धारित करेगा.