रियल एस्टेट कंसल्टेंट CBRE साउथ एशिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत के तेजी से बढ़ते डेटा सेंटर बाजार ने 2019-2024 के बीच घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित किया है. 60 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है. वहीं, मौजूदा विकास दर को देखते हुए 2027 के अंत तक क्यूमलेटिव इंवेस्टमेंट कमिटमेंट में 100 बिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद जताई गई है.

मुंबई में डेटा सेंटर स्टॉक का दबदबा

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मुंबई में डेटा सेंटर स्टॉक का दबदबा बना हुआ है, इसके बाद चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु का स्थान है, जो सितंबर तक देश के कुल डेटा सेंटर स्टॉक का 90 प्रतिशत हिस्सा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में भारत का कुल डीसी स्टॉक लगभग 19 मिलियन वर्ग फीट (भूमि क्षेत्र) है, जिसके 2025 के अंत तक 31 मिलियन वर्ग फीट तक पहुंचने की उम्मीद है.

2025 में बड़े ग्रोथ के लिए तैयार

यह क्षेत्र 2025 में शानदार वृद्धि के लिए तैयार है, मुंबई, चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहरों में लगभग 475 मेगावाट कैपेसिटी निर्माणाधीन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वर्ष के लिए BFSI और टक्नोलॉजी कंपनियां मांग बढ़ाने को लेकर प्रमुख होंगी. 

लखनऊ, कोच्चि जैसे टायर-2 शहरों में तेजी से विस्तार

रिपोर्ट में बताया गया है कि अहमदाबाद, कोच्चि, विशाखापत्तनम और लखनऊ जैसे टियर-2 शहर क्षेत्रीय डेटा खपत वृद्धि और लागत-दक्षता लाभों के कारण डेटा केंद्रों के लिए प्रमुख स्थानों के रूप में लोकप्रिय हो रहे हैं. राज्यवार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल क्युमुलेटिव इंवेस्टमेंट कमिटमेंट के मामले में अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं.

वर्तमान में डेटा सेंटर कैपेसिटी 1255 मेगावाट

भारत की वर्तमान डेटा सेंटर क्षमता लगभग 1,255 मेगावाट है और 2024 के अंत तक इसके 1,600 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में तेजी से बढ़ता प्रौद्योगिकी प्रसार, डिजिटल परिवर्तन, इंटरनेट की बढ़ती पहुंच, नीतिगत समर्थक और एआई-जनरेटेड डेटा कार्यभार में बढ़ोतरी इस वृद्धि के लिए अहम होंगे.

एनर्जी एफिशिएंट माध्यमों पर फोकस

रिपोर्ट में बताया गया है कि स्थिरता एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बन गई है, इसलिए रिन्यूएबल एनर्जी समाधानों और एडवांस कूलिंग टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो एनर्जी एफिशिएंसी (ऊर्जा संबंधी दक्षता) को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई वर्कलोड के ट्रेडिशनल क्लाउड कंप्यूटिंग मांगों को पार करने की उम्मीद के साथ, डेटा सेंटर ऑपरेटर एआई-ड्रिवन एप्लीकेशन की उभरती जरूरतों को एडजस्ट करने के लिए अपने इकोसिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं.