Data Centre और Energy Storage Centre को इंफ्रा सब सेक्टर का दर्जा, टैक्स छूट के साथ सस्ते लोन का मिलेगा फायदा
Infrastructure Sub Sectors: दोनों सेक्टर्स को इंफ्रा सब-सेक्टर का दर्ज मिलने के बाद इनके लिए बैंक से सस्ता और आसान लोन मिल सकेगा. साथ ही इस सेक्टर की कंपनियां टैक्स छूट का भी लाभ ले सकेंगी.
(Image: Reuters)
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सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर सब सेक्टर्स (Infrastructure Sub Sectors) की नई लिस्ट जारी की है. इसमें दो नए सब सेक्टर्स- डाटा सेंटर (Data Centre) और एनर्जी स्टोरेज सेंटर (Energy Storage Centre) को शामिल किया है. इन दोनों सेक्टर्स को इंफ्रा सब-सेक्टर का दर्ज मिलने के बाद इनके लिए बैंक से सस्ता और आसान लोन मिल सकेगा. साथ ही इस सेक्टर की कंपनियां टैक्स छूट का भी लाभ ले सकेंगी. अब इंफ्रास्ट्रक्चर कैटेगरी में कुल 14 सब-सेक्टर्स हो गए हैं. वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
कौन होंगे एलिजिबल
मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ESS सब-सेक्टर्स के अंतर्गत 200 मेगावाट-घंटा की न्यूनतम क्वालिफाइंग क्षमता के साथ डेंस चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रिड स्केल एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (ईएसएस) शामिल है, बशर्ते, ESS मर्चेंट बेसिस पर न लगाया जा रहा हो.
डेटा सेंटर के लिए 5 मेगावाट IT लोड की न्यूनतम क्षमता के साथ डिजिटल डेटा अप्लीकेशंस के स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए एक डेडिकेटेड/सेंट्रलाइज्ड भवन में रखा गया होना चाहिए.
2009 में PMO ने दिए थे निर्देश
बता दें, साल 2009 में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने वित्त मंत्रालय से इंफ्रास्ट्रक्चर के यूनिफॉर्म परिभाषा के मसले को हल करने और इस पर तत्काल प्रभाव से विचार करने के लिए कहा था. इसके बाद वित्त मंत्रालय ने 29 इंफ्रा सब-सेक्टर्स की एक मास्टर लिस्ट को सीसीआई की मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव भेजा था. साथ ही इसको अपडेट करने के एक इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म का फ्रेमवर्क किया गया था.
07:56 AM IST