भारत, ब्राजील ने WTO में चीनी से संबंधित विवाद सुलझाने के लिए बातचीत शुरू की, जानिए क्या है मामला
WTO: ब्राजील दुनिया में गन्ना और एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक है. यह Ethanol उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी में भी अग्रणी है.
(Image- Reuters)
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WTO: भारत और ब्राजील ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में चीनी से संबंधित व्यापार विवाद को पारस्परिक रूप से सुलझाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है. इस विवाद के समाधान के तहत दक्षिण अमेरिकी देश भारत के साथ एथेनॉल (Ethanol) उत्पादन टेक्नोलॉजी साझा कर सकता है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. ब्राजील दुनिया में गन्ना और एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक है. यह Ethanol उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी में भी अग्रणी है.
अधिकारी ने कहा, विवाद को सुलझाने के हमारे प्रयासों के तहत कुछ दौर की बातचीत हुई है. हमने यहां अंतर-मंत्रालयी बैठकें भी की हैं. ब्राजील ने कहा है कि वह हमारे साथ एथनॉल (उत्पादन) टेक्नोलॉजी साझा करेगा. यह एक सकारात्मक बात है.
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20% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य
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एथेनॉल (Ethanol) का इस्तेमाल ऑटो फ्यूल में मिलाने के लिए किया जाता है. गन्ने के साथ-साथ टूटे हुए चावल और अन्य कृषि उपज से निकाले गए एथेनॉल के उपयोग से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कच्चे तेल उपभोक्ता व आयातक देश को आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी. भारत फिलहाल अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85% आयात करता है. साथ ही एथेनॉल कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाता है. भारत ने 2025 तक पेट्रोल (Petrol) में 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग (Ethanol Blending) का लक्ष्य रखा है.
भारत-अमेरिका में छह व्यापार विवादों को निपटाया
जिनेवा स्थित बहुपक्षीय निकाय में विवाद को सुलझाने के लिए भारत को पारस्परिक रूप से सहमत समाधान (MAS) के तहत अपनी ओर से भी कुछ पेशकश करनी होगी. हाल ही में भारत और अमेरिका ने छह व्यापार विवादों को निपटाया है और सातवें मामले को भी समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की है.
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इस समाधान के तहत जहां भारत ने सेब (Apple) और अखरोट (Walnuts) जैसे 8अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क हटा दिया है, वहीं अमेरिका अतिरिक्त शुल्क लगाए बिना भारतीय इस्पात (Indian steel) और एल्युमीनियम (Aluminium) उत्पादों को बाजार पहुंच प्रदान कर रहा है.
क्या है मामला?
अधिकारी ने कहा कि भारत डब्ल्यूटीओ में चीनी विवाद में अन्य शिकायतों के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपना रहा है. वर्ष 2019 में ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ग्वाटेमाला ने भारत को डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान मैकनीज्म में घसीटा था और आरोप लगाया था भारत द्वारा किसानों को चीनी सब्सिडी वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है. 14 दिसंबर 2021 को डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान पैनल ने फैसला सुनाया कि चीनी क्षेत्र को भारत के समर्थन उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं.
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जनवरी, 2022 में भारत ने डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय में पैनल के फैसले के खिलाफ अपील की. अपीलीय निकाय को विवादों के खिलाफ फैसले पारित करने का अंतिम अधिकार है. हालांकि, अपीलीय निकाय के सदस्यों की नियुक्तियों पर देशों में मतभेद के कारण यह कार्य नहीं कर रहा है.
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक
ब्राज़ील दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है. डब्ल्यूटीओ के सदस्यों… ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ग्वाटेमाला ने शिकायत की थी कि गन्ना उत्पादकों को भारत के समर्थन उपाय गन्ना उत्पादन के कुल मूल्य के 10% के न्यूनतम स्तर से अधिक हैं. यह कृषि पर डब्ल्यूटीओ समझौते के अनुरूप नहीं है। इसके अलावा इन देशों ने भारत की कथित निर्यात सब्सिडी (Export Subsidy) पर भी चिंता जताई है.
डब्ल्यूटीओ (WTO) नियमों के अनुसार, विश्व व्यापार संगठन के किसी भी सदस्य को अगर लगता है कि कोई व्यापार उपाय डब्ल्यूटीओ नियमों के खिलाफ है, तो वह जिनेवा के बहुपक्षीय निकाय में मामला दायर कर सकता है.
02:43 PM IST