आयकर विभाग ने ITR फार्म में किए कई बदलाव, अब किराएदार का भी PAN नम्बर देना होगा
Income tax department ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कई बदलावों के साथ आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर कर दिए हैं.
Income tax department ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कई बदलावों के साथ आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर कर दिए हैं. नए बदलावों के तहत TDS से छूट के लिए मकान मालिक को किरायेदार के पैन कार्ड की जानकारी देनी होगी. साथ ही वहीं आयकरदाता को भारत में रहने की अवधि के बारे में भी बताना होगा एवं गैर सूचीबद्ध शेयरों की सूचना भी फॉर्म में भरनी होगी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के मुताबिक, जो व्यक्ति ITR-2 भरते हैं और रिहायशी संपत्ति से आय प्राप्त करते हैं तो उन्हें किरायेदार के बारे में जानकारी, उसका पैन या टैन नम्बर के बारे में भी जानकारी देनी होगी. जो लोग चंदा देते हैं और आयकर में छूट का दावा करते हैं, उन्हें जिस व्यक्ति को भी चंदा दिया है उसका नाम, पता और पैन नम्बर भी देना होगा.
सहज और सुगम फॉर्म पर लगाई रोक
आयकर विभाग की ओर से जारी किए गए नए फार्म के तहत कंपनियों के निदेशकों, गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के निवेशकों के लिए सहज और सुगम फॉर्म में रिटर्न भरने से फिलहाल रोक लगा दी गई है. ITR-4 यानी सुगम फॉर्म उन लोगों, हिन्दु अवभाजित परिवारों और LLP को छोड़कर अन्य फर्मों के लिए रखा गया है जिनकी कुल अनुमानित आय व्यवसाय या किसी कारोबार से 50 लाख रुपये तक है.
सहज फॉर्म सिर्फ ये लोग भर सकते हैं
ITR-1 यानी सहज फॉर्म केवल वे आयकरदाता ही भर सकते हैं जिनका वेतन, एक मकान की संपत्ति या ब्याज से आय सालाना 50 लाख रुपये तक हो. इसमें किसी कंपनी में निदेशक शामिल नहीं होंगे.
निदेशकों की देनी होगी जानकारी
विदेशी इक्विटी, विदेशी खातों और बॉन्ड आदि के बारे में भी आयकरदाताओं को जानकारी देनी होगी। ITR-6 भरने वाली गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को फॉर्म में अपने निवेशकों, भारत में उनके निवास की स्थिति, आवंटन की तारीख,पैन नंबर, शेयरों की संश्या, प्रति शेयर निर्गम मूल्य तथा निवेश राशि के बारे में भी जानकारी देनी होगी. विदेशी कंपनियों को ITR भरते समय अपनी मूल कंपनी के बारे में ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है.