PLI Scheme: 3500 करोड़ रुपये से सरकार इस सेक्टर को देगी संजीवनी, जानिए क्या होगा फायदा
PLI Scheme: सरकार भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नियमों का अनुपालन करने वाले खिलौनों के लिए 3,500 करोड़ रुपये का उत्पादन से जुड़ा पीएलआई का फायदा देने की योजना बना रही है. इस कदम का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, निवेश आकर्षित करना और निर्यात बढ़ाना है.
PLI Scheme: केंद्र सरकार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme) के तहत खिलौना सेक्टर शामिल कर सकती है. सरकार भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नियमों का अनुपालन करने वाले खिलौनों के लिए 3,500 करोड़ रुपये का उत्पादन से जुड़ा पीएलआई का फायदा देने की योजना बना रही है. एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, निवेश आकर्षित करना और निर्यात बढ़ाना है.
अधिकारी ने कहा कि खिलौना उद्योग ( Toys Industry) के लिए सरकार द्वारा क्वालिटी कंट्रोल आदेश लागू करने और सीमा शुल्क को 20 से बढ़ाकर 60% करने जैसे उपायों से देश में कम क्वालिटी वाले आयात को कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिली है.
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इन्वेस्टमेंट स्लैब के हिसाब से दिया जा सकता PLI बेनिफिट
अधिकारी ने कहा, अब हम खिलौनों के लिए PLI के विस्तार पर काम कर रहे हैं. हालांकि, यह लाभ सिर्फ बीआईएस (BIS) नियमों का अनुपालन करने वाले खिलौनों के लिए ही होगा. PLI बेनिफिट विभिन्न निवेश स्लैब के अनुसार दिया जा सकता है. यह 25 करोड़ रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये या 100-200 करोड़ रुपये तक हो सकता है.
अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव पूरे उत्पाद पर प्रोत्साहन देने का है न कि कलपुर्जों पर, क्योंकि उद्योग को अब भी कुछ कलपुर्जों को आयात करने की जरूरत होती है, जो खिलौना विनिर्माण के लिए जरूरी है. ये कलपुर्जे भारत में नहीं बनते हैं. BIS देश का नेशनल स्टैंडर्ड्स बॉडी है. यह भारतीय मानकों का विकास और उनका प्रकाशन करता है.
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खिलौना सहित इन सेक्टर्स के लिए 35 हजार करोड़ की PLI Scheme
भारत में बने खिलौनों की आपूर्ति न केवल वैश्विक ब्रांडों को हो रही है, बल्कि ये ग्लोबल मार्केट में अपनी जगह भी बना रहे हैं. खिलौनों के अलावा सरकार इन लाभ को साइकिल, जूते, कुछ टीका सामग्री, शिपिंग कंटेनर और कुछ दूरसंचार उत्पादों जैसे अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित करने पर विचार कर रही है.
लिटिल जीनियस टॉयज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नरेश कुमार गौतम ने पहले कहा था कि सरकार द्वारा घोषित समर्थन उपायों से उद्योग को मदद मिल रही है. लेकिन PLI Scheme और एक परिषद से इस क्षेत्र को और प्रोत्साहन मिलेगा. क्षेत्र में रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं हैं. सरकार खिलौना सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए 35,000 करोड़ रुपये की PLI Scheme के विस्तार के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. विभिन्न प्रस्तावों पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श जारी है.
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