राजस्व विभाग ने पड़ोसी देश चीन से होने वाले सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिये डिटर्जेन्ट बनाने में उपयोग होने वाले चीनी रसायन पर पांच साल के लिये डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है. रसायन ‘जियोलाइट 4ए’ (डिटर्जेन्ट स्तर) पर शुल्क लगाया गया है. व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने इस संदर्भ में जांच के बाद शुल्क लगाने की सिफारिश की थी. 

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शुल्क 163.90 से 207.72 डॉलर प्रति टन के दायरे में

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि यह शुल्क 163.90 से 207.72 डॉलर प्रति टन के दायरे में है और यह पांच साल तक तबतक बना रहेगा जबतक इसे समय से पहले हटाया नहीं जाता.

वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने गुजरात क्रेडो मिनरल इंडस्ट्रीज और केमिकल्स इंडिया की शिकायत पर जांच की थी. शिकायत में चीन से होने वाले सस्ते आयात के कारण घरेलू उद्योग को नुकसान होने की बात कही गई थी.

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अक्टूबर में इन सामान पर लगाया था प्रतिबंध

अपनी जांच रिपोर्ट में डीजीटीआर ने कहा कि डंपिंग और इससे घरेलू उद्योग को नुकसान की बात सही है तथा उसने शुल्क लगाने की सिफारिश की. इससे पहले इस साल अक्टूबर में भारत सरकार ने आयातित इस्पात की चुनिंदा किस्मों पर भी पांच साल के लिए 185.51 डॉलर प्रति टन का डंपिंगरोधी शुल्क लगाया था. यह फैसला चीन से होने वाले सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए लिया गया था.

(इनपुट एजेंसी से)