Indian Economy के लिए अच्छी खबर, जून तिमाही में करेंट अकाउंट डेफिसिट में आई गिरावट
जून तिमाही में देश का करेंट अकाउंट डेफिसिट घटकर 9.2 अरब डॉलर रहा. एक साल पहले समान तिमाही में यह 17.9 अरब डॉलर था, लेकिन मार्च तिमाही में यह 1.3 अरब डॉलर रहा था.
देश का चालू खाते का घाटा (CAD) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सालाना आधार पर घटकर 9.2 अरब डॉलर रहा. यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.1 फीसदी है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को यह जानकारी दी. चालू खाते का घाटा (Current Account Deficit) एक साल पहले 2022-23 की इसी तिमाही में 17.9 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.1 फीसदी रहा था.
मार्च तिमाही के मुकाबले बढ़ा CAD
CAD विदेश भेजी गयी कुल राशि और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में विदेशों से प्राप्त राशि के बीच के अंतर को बताता है. आरबीआई के अनुसार, हालांकि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को बताने वाला कैड इससे पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) के मुकाबले बढ़ा है. उस दौरान यह 1.3 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 0.2 फीसदी था. केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘तिमाही आधार पर कैड बढ़ने का कारण सेवा क्षेत्र में शुद्ध रूप से अधिशेष का कम होना और निजी अंतरण प्राप्ति में कमी है.’’
रेमिटेंस में सालाना आधार पर उछाल
केंद्रीय बैंक ने कहा कि शुद्ध सेवा प्राप्ति तिमाही आधार पर कम हुई है. इसका मुख्य कारण कंप्यूटर, यात्रा और व्यापार सेवाओं के निर्यात में कमी है. हालांकि, यह सालाना आधार पर अधिक है. निजी अंतरण प्राप्ति में मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों की तरफ से भेजी जानी वाली राशि शामिल है. यह आलोच्य तिमाही में 27.1 अरब डॉलर रही, जो पिछली तिमाही में 28.6 अरब डॉलर थी. हालांकि, सालाना आधार पर यह अधिक है. आय खाते पर शुद्ध निकासी जून तिमाही में घटकर 10.6 अरब डॉलर रही, जो मार्च तिमाही में 12.6 अरब डॉलर थी. हालांकि, यह सालाना आधार पर अधिक है. इस श्रेणी में मुख्य रूप से निवेश आय पर भुगतान आता है.
FDI में आई गिरावट, FPI में उछाल
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आलोच्य तिमाही में 5.1 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले जून तिमाही में 13.4 अरब डॉलर था. हालांकि, शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) 15.7 अरब डॉलर रहा जबकि एक साल पहले जून तिमाही में शुद्ध रूप से 14.6 अरब डॉलर की निकासी हुई थी. आरबीआई ने कहा कि विदेशों से शुद्ध रूप से वाणिज्यिक कर्ज चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 5.6 अरब डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 2.9 अरब डॉलर की निकासी हुई थी. प्रवासी जमा के मामले में शुद्ध प्रवाह आलोच्य तिमाही में 2.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 30 करोड़ डॉलर था.
विदेशी मुद्रा भंडार 24.4 अरब डॉलर बढ़ा
आरबीआई के अनुसार जून, 2023 को समाप्त तिमाही में भुगतान संतुलन आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार 24.4 अरब डॉलर बढ़ा. जबकि एक साल पहले 2022-23 की पहली तिमाही में 4.6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी. आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया में रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि औसतन वस्तु व्यापार घाटा 2023-24 की पहली तिमाही के मुकाबले जुलाई-अगस्त के दौरान अधिक रहा है.
Crude Oil में उछाल से CAD में आएगा तेजी
इसके साथ कच्चे तेल के दाम में तेजी से कैड चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में तिमाही आधार पर बढ़कर 19-21 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.3 फीसदी रह सकता है. उन्होंने कहा कि वहीं पूरे वित्त वर्ष के दौरान यह 73 से 75 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.1 फीसदी रह सकता है जो वित्त वर्ष 2022-23 में 67 अरब डॉलर या जीडीपी का दो फीसदी था.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
06:22 PM IST