Gold इस साल निवेशकों को खूब लुभाएगा, ये है खास वजह, चांदी को भी मिलेगा सपोर्ट
Gold silver: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा 2019 में सिर्फ दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की बात कहे जाने से वर्ष के आरंभ में सोने में जबरदस्त उछाल आया और सोने का भाव कॉमेक्स पर 1,300 डॉलर प्रति औंस से ऊपर चला गया.
वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास पर छाए अनिश्चितता के बादल के बीच इस साल सोने-चांदी जैसी महंगी धातुओं में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है. वहीं, अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि की संभावनाओं पर केंद्रीय बैंक द्वारा फिलहाल विराम लगाने से सोने-चांदी को सपोर्ट बना रहेगा. कार्वी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 बुलियन का वर्ष होगा और अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का भाव 1,370 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है. वहीं, घरेलू वायदा बाजार में सोने का भाव 33,500-36,500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक रह सकता है. सोने में तेजी का रुझान रहने से चांदी को भी सपोर्ट मिलता रहेगा. कार्वी की कमोडिटी और करेंसी रिपोर्ट-2019 के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर बनी चिंता का फायदा महंगी धातुओं को मिलेगा और सुरक्षित निवेश के उपकरणों के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ेगा. कार्वी की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में कॉमेक्स पर सोने से मिलने वाले रिटर्न में पिछले साल के मुकाबले 7.12 फीसदी की गिरावट रही, जबकि एमएसीएक्स पर सोने से प्राप्त रिटर्न में 3.7 फीसदी की तेजी बनी रही.
सिर्फ दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की बात का असर
कार्वी कॉमट्रेड लिमिटेड के निदेशक (कमोडिटीज) रमेश वरखेडकर ने कहा, "अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा 2019 में सिर्फ दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की बात कहे जाने से वर्ष के आरंभ में सोने में जबरदस्त उछाल आया और सोने का भाव कॉमेक्स पर 1,300 डॉलर प्रति औंस से ऊपर चला गया. फेड ने पिछले साल ब्याज दरों में चार बार बढ़ोतरी की थी." सेंट लुइस फेड प्रेसिडेंट जेम्स बलार्ड ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक को बेरोजगारी और महंगाई दरों के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आगे फिर ब्याज दरों में वृद्धि करने की जरूरत नहीं है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव
कार्वी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव इस साल 17.19 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, जबकि भारतीय वायदा बाजार एमसीएक्स पर चांदी में 43,300-47,500 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच कारोबार देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चांदी कीमती धातु होने के साथ-साथ औद्योगिक धातु भी है. इसलिए इसे सोने के साथ-साथ औद्योगिक धातुओं की कीमतों से भी दिशा मिलेगी. उन्होंने कहा कि भूराजनीतिक तनाव से महंगी धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ता है.
कच्चा तेल 75 डॉलर को छू सकता है
रमेश ने कहा कि कच्चे तेल का भाव ओपेक और रूस द्वारा उत्पादन कटौती और अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार पर निर्भर करेगा. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल -ब्रेंट क्रूड- का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के ऊपरी स्तर को छू सकता है. हालांकि उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा. एमसीएक्स पर कच्चे तेल का ऊपरी स्तर 4,900 रुपये प्रति बैरल रह सकता है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 2018 और 2019 में 3.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जोकि पिछले साल अप्रैल में जारी अनुमान से 0.3 फीसदी कम है.
(इनपुट एजेंसी से)