पाम तेल की खेती के लिए गोदरेज एग्रोवेट ने इन तीन राज्यों के साथ किया करार, मोदी सरकार के मिशन को मिला बल
Palm Oil Cultivation: सरकार ने अगस्त 2021 में 11,040 करोड़ रुपये के नियोजित खर्च के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल ऑयल पाम मिशन शुरू किया था. समझौते के अनुसार, कंपनी को क्षेत्र में पाम तेल की खेती के डेवलपमेंट और प्रोमोशन के लिए इन तीन राज्यों में भूमि आवंटित की जाएगी.
Palm Oil Cultivation: एग्री बिजनेस कंपनी गोदरेज एग्रोवेट (Godrej Agrovet) ने पाम तेल की खेती को बढ़ावा देने के लिए असम, मणिपुर और त्रिपुरा सरकार के साथ समझौता किया है. कंपनी ने पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों में पाम तेल के डेवलपमेंट और प्रोमोशन के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल ऑयल पाम मिशन (NMEO-OP) के तहत समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. भारत पाम तेल का बड़ा आयातक देश है.
बता दें कि सरकार ने अगस्त 2021 में 11,040 करोड़ रुपये के नियोजित खर्च के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल ऑयल पाम मिशन (National Mission on Edible Oils- Oil Palm) शुरू किया था. इस मिशन के तहत, सरकार ने उत्तर पूर्व क्षेत्र और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्यान देते हुए 2025-26 तक पाम तेल की खेती के तहत क्षेत्र को 10 लाख हेक्टेयर और 2029-30 तक 16.7 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने की परिकल्पना की है.
इन राज्यों में पाम तेल की खेती कर रही कंपनी
समझौते के अनुसार, कंपनी को क्षेत्र में पाम तेल की खेती के डेवलपमेंट और प्रोमोशन के लिए इन तीन राज्यों में भूमि आवंटित की जाएगी. गोदरेज एग्रोवेट वर्तमान में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, ओड़िशा, गोवा, महाराष्ट्र और मिजोरम में पाम तेल की खेती कर रही है.
गोदरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक बलराम सिंह यादव ने कहा कि यह समझौता उत्पादन के सतत विकास के माध्यम से भारत के तेल मिशन में मुख्य स्रोत बनने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, वर्तमान में, हमारे पास देश भर में लगभग 65,000 हेक्टेयर में पाम तेल की खेती है, जिसे अगले कुछ वर्षों में बढ़ाकर 1 लाख हेक्टेयर करने की योजना है.