बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक (European Central Bank) ने इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का फैसला किया है. इस बढ़ोतरी के बाद ECB का इंटरेस्ट रेट 3.75 फीसदी हो गया. यह मई 2001 के बाद का उच्चतम स्तर है. इसके अलावा री-फाइनेंसिंग ऑपरेशनल रेट को भी 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.25 फीसदी कर दिया गया है. सेंट्रल बैंक की तरफ से जारी नोट में कहा गया कि महंगाई में लगातार गिरावट आ रही है, लेकिन अभी भी यह हाई है और लंबी अवधि के लिए यह हाई बने रहने का अनुमान है.

महंगाई अभी भी हाई

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इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी से इस बात का पता चलता है कि अभी भी महंगाई एक गंभीर समस्या है. आने वाले समय में महंगाई कम होने का संभावना है, लेकिन अभी यह लंबे समय के लिए टारगेट के बाहर रहेगा. सितंबर में ECB की अगली बैठक होगी. उस बैठक में इंटरेस्ट रेट को लेकर क्या फैसला लिया जाएगा, फिलहाल इसको लेकर क्लियर संदेश नहीं मिल पाया है.

2 फीसदी के महंगाई का टारगेट

ECB ने महंगाई को लेकर 2 फीसदी का टारगेट रखा है. इस लक्ष्य को पाने के लिए आने वाले समय में गवर्निंग काउंसिल की तरफ से जरूर कदम उठाते रहे जाएंगे. काउिंसल का रेट बढ़ाने या स्थिर रखने का फैसला पूरी तरह डेटा आधारित होगा. 

जून में यूरोप में महंगाई घटी

जून में महंगाई दर 5.5 फीसदी थी जो मई के महीने में 6.1 फीसदी रही थी. एनर्जी की कीमत में सालाना आधार पर 5.6 फीसदी की गिरावट रही. फूड इंफ्लेशन 11.6 फीसदी रहा. एनर्जी और फूड को हटाकर महंगाई दर जून में 5.5 फीसदी रही.

FOMC ने भी 25 bps बढ़ाया इंटरेस्ट

इससे पहले फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का फैसला किया है. FOMC  ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाकर 5.25-5.50 फीसदी के दायरे में लाया है. पिछली बैठक में फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट पर लगातार दस बढ़ोतरी के बाद विराम लगाया था.

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