कोरोना के कहर में भी अमीर और ज्यादा हुए रईस, गरीबों के सामने फांके की नौबत
बीते साल दिसंबर तक अरबपतियों की संपत्तियों में 3.9 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है.
कोरोना महामारी किसी के लिए विपदा, किसी के लिए काल लेकर आई, तो दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जिनके लिए यह कमाई लेकर आई. (प्रतीकात्मक)
कोरोना महामारी किसी के लिए विपदा, किसी के लिए काल लेकर आई, तो दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जिनके लिए यह कमाई लेकर आई. (प्रतीकात्मक)
Unequal Economy: कोरोना महामारी ( covid-19 pandemic) को आए पूरा एक साल हो गया है. हालांकि अब यह अपने अंत की ओर है. लेकिन इस एक साल के भीतर दुनिया ने ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव देखे हैं. 'भूतो न भविष्यति' के तर्ज पर लोगों ने वह सब देखा है जो ना तो पहले कभी हुआ और भविष्य में ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है.
कोरोना महामारी ( coronavirus pandemic) किसी के लिए विपदा, किसी के लिए काल लेकर आई, तो दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जिनके लिए यह कमाई लेकर आई.
अगर कहें तो इस महामारी में गरीब ज्यादा गरीब और अमीर बहुत ज्यादा अमीर हुए हैं तो कोई गलत नहीं होगा. कोविड-19 महामारी ने दुनिया में इनकम में असमानता को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है. जानकार कहते हैं कि इनकम में इस असमानता का असर शिक्षा, स्वास्थ्य और एक अच्छा जीवन जीने के अधिकारों पर बहुत ज्यादा पड़ेगा.
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नॉन-प्रॉफिट ग्रुप Oxfam ने अपनी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है. बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट स्विट्ज़रलैंड में हो रहे दावोस समिट में पेश की जाएगी.
इनइक्वालिटी वायरस (The Inequality Virus) नाम से तैयार की गई यह रिपोर्ट कहती है कि आमदनी में भारी उतार-चढ़ाव से दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं के शोषण करने वाले सिस्टम, असमानता, तानाशाही जैसी व्यवस्था को बल मिलता है.
Oxfam की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में बीते साल दिसंबर तक अरबपतियों की संपत्तियों में 3.9 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है. दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की संपत्ति में 540 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ इसी दौरान महामारी के चलते करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए और ना जाने कितने लोग भुखमरी के कगार पर आ गए. रिपोर्ट में अनुमान जाहिर किया गया है कि महामारी के दौरान कम से कम 200 मिलियन से 500 मिलियन लोग गरीब हो गए हैं.
गरीबी का फासला कम
रिपोर्ट ने कहा है कि महामारी के दौरान ऐसे लोगों की तादाद भी बढ़ी हो जो अब गरीबी से बस एक फलांग दूर हैं. रिपोर्ट कहती है कि दुनिया में जो लोग 2 डॉलर से 10 डॉलर की रोजाना कमाते हैं, अगर एक दिन उनकी यह कमाई न हो तो वे दरिद्रता के स्तर पर आ जाएंगे.
अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ी
लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया.
हर आदमी को मिल सकते हैं 94,045 रुपये
मार्च 2020 के बाद की अवधि में भारत में 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. इतनी राशि का वितरण यदि देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए, तो इनमें से प्रत्येक को 94,045 रुपये दिए जा सकते हैं.
रिपोर्ट में आय की असमता का जिक्र करते हुए बताया गया कि महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे.
ऑक्सफैम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ बेहर ने कहा कि इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि अन्यायपूर्ण आर्थिक व्यवस्था से कैसे सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौरान सबसे धनी लोगों ने बहुत अधिक संपत्ति अर्जित की, जबकि करोड़ों लोग बेहद मुश्किल से गुजर-बसर कर रहे हैं.
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12:40 PM IST