CNG Price Hike: महंगाई से जूझ रहे आम लोगों के लिए एक बुरी खबर है. पहले से खाने-पीने की चीजों की महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को अब महंगाई का एक और झटका लग सकता है. सीएनजी (CNG) की कीमतों में 4 से 6 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है. सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी का असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.  दरअसल, सरकार ने शहरी रिटेलर्स को सस्ती डोमेस्टिक नेचुरल गैस की सप्लाई में 20% तक की कटौती की है. ऐसे में फ्यूल पर कस्टम ड्यूटी की कटौती नहीं होती है, तो वाहनों को आपूर्ति की जाने वाली सीएनजी के दाम (CNG Price) में 4 से 6 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकते हैं. 

और बढ़ सकती है महंगाई

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सीएनजी कीमतों में बढ़ोतरी होने से खाने-पीने की चीजों की महंगाई और बढ़ सकती है. CNG महंगी होने से फल, सब्जियों और अन्य खाद्य सामानों का ट्रांसपोर्ट महंगा हो जाएगा. ऐसे में इसका खर्च निकालने के लिए खाने-पीने की चीजों का रेट बढ़ाया जाएगा. इसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.

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क्यों की गई नेचुरल गैस की सप्लाई में कटौती?

बता दें कि पुराने क्षेत्रों से उत्पादन की कीमतें सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं. इनका उपयोग शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को किया जाता है. इन क्षेत्रों से उत्पादन सालाना 5 फीसदी तक घट रहा है. इस वजह से शहरी गैस वितरण कंपनियों को आपूर्ति में कटौती की गई है. घरों में रसोई के लिए आपूर्ति की जाने वाली गैस संरक्षित है. ऐसे में सरकार ने सीएनजी (CNG) के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में कटौती की है. पुराने क्षेत्रों से प्राप्त गैस मई, 2023 में सीएनजी की 90% मांग को पूरा करती थी और इसमें लगातार गिरावट आ रही है. उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर से आपूर्ति में कटौती कर सीएनजी की मांग का सिर्फ 50.75% कर दिया गया है, जो इससे पिछले महीने 67.74% था.

शहरी गैस रिटलर्स को इस कमी की भरपाई के लिए आयातित और महंगी लिक्विड नेचुरल गैस (LNG) खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे सीएनजी की कीमतों में 4-6 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी होगी. पुराने क्षेत्रों से प्राप्त गैस की कीमत 6.50 अमेरिकी डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) है, जबकि आयातित एलएनजी की कीमत 11-12 डॉलर प्रति इकाई है.

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सरकार के पास है ये विकल्प

फिलहाल रिटेलर्स ने सीएनजी की दरें नहीं बढ़ाई हैं क्योंकि वे इसके समाधान के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहे हैं. एक विकल्प यह है कि सरकार सीएनजी पर कस्टम ड्यूटी में कटौती करे. वर्तमान में, केंद्र सरकार सीएनजी पर 14% कस्टम ड्यूटी वसूलती है, जो 14-15 रुपये प्रति किलोग्राम बैठता है. उन्होंने कहा कि अगर इसमें कटौती की जाती है, तो रिटेलर्स को बढ़ी हुई लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डालना पड़ेगा. सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी एक राजनीतिक मुद्दा भी है क्योंकि महाराष्ट्र में अगले महीने चुनाव होने हैं और दिल्ली में भी जल्द चुनाव होने हैं.  दिल्ली और मुंबई देश के सबसे बड़े सीएनजी बाजारों में से हैं.

भारत के भीतर अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक के स्थलों से जमीन के नीचे और समुद्र तल के नीचे से निकाली गई प्राकृतिक गैस (Natural Gas) ऐसा कच्चा माल है जिसे वाहनों के लिए सीएनजी (CNG) और रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) में बदला जाता है.