Cabinet Decision: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, किसानों को सस्ते ब्याज पर मिलेगा लोन, इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम को दी मंजूरी
Cabinet Decision: कैबिनेट ने एग्रीकल्चर के लिए इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम (interest subvention scheme) को मंजूरी दी है. इसके अलावा, कैबिनेट ने हॉस्पिटेलिटी और इससे संबंधित उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की.
Cabinet Decision: मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. कैबिनेट ने एग्रीकल्चर के लिए इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम (interest subvention scheme) को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने हॉस्पिटेलिटी और इससे संबंधित उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की. कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी.
बैंकों को 1.5 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलेगी
कैबिनेट ने 3 लाख रुपये तक के छोटी अवधि के एग्री लोन पर 1.5% की ब्याज सहायता को मंजूरी दी. एग्री सेक्टर में पर्याप्त क्रेडिट प्रवाह सुनिश्चित करने का फैसला लिया गया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत साल 2022-23 से 2024-25 के बीच में 34,856 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है.
सरकार के इस फैसले से किसानों को कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त लोन मिल सकेगा. सरकार के इस कदम से कृषि क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा. यह लोन किसानों को 7% प्रति वर्ष की दर से कृषि और संबद्ध गतिविधियों की वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध है. जिसमें पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन आदि शामिल हैं. समय पर लोन भुगतान करने पर किसानों को 4% ब्याज पर लघु अवधि का लोन मिलता रहेगा.
इंटरेस्ट सबवेंशन का मतलब है कि लोन का ब्याज चुकाने पर किसानों को 1.5 फीसदी की अतिरिक्त की छूट मिलेगी, उसकी भरपाई के लिए सरकार ये भुगतान सीधे लोन देने वाले बैंक और सहकारी संस्थाओं को करेगी.
ECLGS सीमा का बढ़ाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) की सीमा को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ से रुपये 5 लाख करोड़ रुपये करने को मंजूरी दी. इसका फायदा हॉस्पिटेलिटी और इससे संबंधित सेक्टर को भी मिलेगा. हॉस्पिटेलिटी और इससे संबंधित उद्यमों पर COVID-19 महामारी के कारण हुए गंभीर व्यवधानों के कारण बढ़ोतरी की गई है. ईसीएलजीएस के तहत 3.67 लाख करोड़ मंजूर किए गए हैं.