200 ब्रह्मोस मिसाइल से मजबूत होगी इंडियन नेवी, 19 हजार करोड़ रुपए के रक्षा खरीद सौदे को मिली मंजूरी
Brahmos Cruise Missile: केंद्र की सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय नौसेना के लिए 200 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और संबंधित उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी है.
Brahmos Cruise Missile: भारतीय नौसेना को जल्द ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मिलने जा रही है. सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने भारतीय नौसेना के लिए 200 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और संबंधित उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी है, जिस पर लगभग 19,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नौसेना की समग्र युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिसाइलों को विभिन्न युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा.
Brahmos Cruise Missile: 450 किलोमीटर दूर तक निशाना लगाने वाले हथियारों की होगी खरीद
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव के तहत लगभग 290 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल और लगभग 450 किलोमीटर दूर तक निशाना लगाने वाले हथियार की खरीद की जाएगी. भारत-रूस संयुक्त उद्यम ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करती है जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीन से लक्ष्य की ओर दागा जा सकता है.
Brahmos Cruise Missile: अगले कुछ महीनों में लग सकती है मुहर, मिसाइलो का कर रहा है निर्यात
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए औपचारिक कॉन्ट्रैक्ट पर अगले कुछ महीनों में मुहर लगने की उम्मीद है. गौरतलब है कि भारत ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात भी कर रहा है. दक्षिण पूर्व एशियाई देश को मिसाइलों की आपूर्ति अगले महीने से शुरू होने वाली है. वहीं, अर्जेंटीना सहित कुछ अन्य देशों ने भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई है. यही नहीं, भारतीय वायुसेना ने पहले ही कुछ सुखोई लड़ाकू विमानों पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को इंटीग्रेड किया है.
Brahmos Cruise Missile: तीन गुना अधिक गति से जाती है लक्ष्य की तरफ
ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक गति से लक्ष्य की तरफ जाती है. मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए औपचारिक अनुबंध पर अगले कुछ महीनों में मुहर लगने की उम्मीद है. आपको बता दें कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को विस्तार देने के लिए 84,560 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की थी.