मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस गरीब, किसान के साथ अर्थव्‍यवस्‍था (Economy) पर है. इस क्रम में शनिवार यानि आज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में अर्थव्यवस्था, कृषि (Agriculture) और एक्सपोर्ट बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार पर चर्चा होने की उम्‍मीद है.

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इन 5 मुद्दों पर होगा डिस्‍कशन

> देश की इकोनॉमी में तेजी लाने के लिए क्या उपाय किए जाएं

> कृषि क्षेत्र की विकास दर बढ़ाने में क्या चुनौतियां पेश आ रही हैं.

> एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए क्या फैसले लेने की जरूरत है

> स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने की रणनीति क्‍या होनी चाहिए

> शिक्षा व्यवस्था में सुधार व नई शिक्षा नीति पर चर्चा होगी

राज्‍यों से वित्‍त मंत्री ने मांगी मदद

इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रदेशों से केंद्र सरकार द्वारा तय आर्थिक विकास के लक्ष्य पर अमल करने का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि जब तक राज्य और केंद्र एकजुट होकर काम नहीं करेंगे, तब तक किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है. प्रदेशों के वित्तमंत्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में सीतारमण ने कहा, "केंद्र और राज्यों के साथ मिलकर काम किए बगैर कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता है. आर्थिक विकास का लक्ष्य तय करना केंद्र की जिम्मेदारी है और उस पर अमल करना राज्यों की जिम्मेदारी है."

राज्‍यों को ज्‍यादा मदद

कर-हस्तांतरण में राज्यों की हिस्सेदारी 13वें वित्त आयोग में 32 फीसदी थी, जो मौजूदा सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 14वें वित्त आयोग में बढ़कर 42 फीसदी हो गई है. उन्होंने कहा कि केंद्र से राज्यों को निधियों का हस्तांतरण भी 8.29 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 12.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है. 

किसान राशि बढ़ाने की मांग

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम-किसान योजना के तहत आवंटन की राशि सालाना 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की मांग की. उन्होंने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए ज्यादा निधि की मांग भी की.