बजट 2019: ये हैं मोदी सरकार के वे 8 पुरोधा जिन्होंने Budget तक पहुंचाई आम आदमी की आवाज
Budget 2019 Live: वित मंत्रालय के इन अधिकारियों पर देश की आर्थिक हालात को समझने की अद्भुत योग्यता है. इनके मार्गदर्शन से बजट को मूर्तरूप दिया जाता है.
आम बजट बस अब पेश होने वाला है. लेकिन इस बजट को तैयार करने में लंबा समय और कड़ी मेहनत करनी होती है. इसमें पूरा वित्त मंत्रालय अपनी पूरी क्षमता लगाता है. हर बार की तरह इस बार भी इस बजट को तैयार करने में कुछ अधिकारियों ने विशेष भूमिका निभाई है. कह सकते हैं कि ये एक तरह से बजट के नट वोल्ट हैं. आपको हम आप इन खास अधिकारियों से यहां मिला रहे हैं बजट को तैयार करने में कड़ी मेहनत के साथ अपनी योग्यता का शानदार परिचय दिया है. इस विशाल देश की अर्थव्यवस्था और नागरिकों की जिंदगी को ध्यान में रखकर बजट तैयार करना शायद एक अजूबे से कम नहीं है.
अजय नारायण झा
वित्त सचिव अजय नारायण झा वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिनके पास व्यय विभाग का प्रभार भी है. झा को प्रशासन में 36 से अधिक वर्षों का अनुभव है, जिसमें भारत के चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक निकाय भी शामिल हैं.
सुभाष चंद्र गर्ग
सुभाष चंद्र गर्ग आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव हैं जिनके पास केंद्रीय बजट बनाने का कार्य है. गर्ग वित्त मंत्रालय के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) जैसे क्षेत्रीय नियामकों के साथ-साथ विश्व बैंक जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए भी जिम्मेदार हैं.
अजय भूषण पांडे
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्तियों की देखरेख करते हैं और केंद्रीय बजट को आकार देने में एक महत्वपूर्ण निर्णय निर्माता हैं. पांडे के पास भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और GST नेटवर्क के अध्यक्ष के पद भी हैं.
राजीव कुमार
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार झारखंड के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, इनके पास 21 सरकारी बैंकों के कामकाज के लिए जिम्मेदारी है. बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना और अर्थव्यवस्था में निवेश को पुनर्जीवित करने की बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं.
अतनु चक्रवर्ती
अतनु चक्रवर्ती, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग में सचिव हैं. इनके पास केंद्रीय बजट में सरकार के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने का कार्य है. जरूरत पड़ने पर पूंजी-बाजार तक पहुंचने के लिए राज्य-संचालित कंपनियों को भी सक्षम बनाना इनकी जिम्मेदारी है. साथ ही न्यूनतम सार्वजनिक होल्डिंग की आवश्यकता को पूरा करने में उनका मार्गदर्शन करना भी इनकी जिम्मेदारी है.
सुशील चंद्र
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरपर्सन सुशील चंद्र हैं. इनके पास प्रत्यक्ष कर नीति को तैयार करने के साथ-साथ व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट आयकर संग्रह लक्ष्य को पूरा करने की जिम्मेदारी है. केंद्रीय बजट में चंद्र की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्यक्ष कर वार्षिक वित्त विधेयक का सबसे बड़ा तत्व रहेगा. हालांकि, यह देखा जाना बाकी है कि सरकार अंतरिम बजट में बड़ी कर नीति में बदलाव करती है या नहीं.
प्रणब के. दास
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष प्रणब के. दास केंद्र सरकार के अप्रत्यक्ष कराधान की देखरेख करते हैं. घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और वैश्विक व्यापार युद्ध से संबंधित तनाव पर सरकार की नीति के साथ, बजट में बुनियादी सीमा शुल्क से संबंधित घोषणाएं हो सकती हैं.
कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन
वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में सरकार की समग्र रणनीति के लिए मुख्य भूमिका निभाते हैं.