Electoral Bonds की 27वीं किस्त को मंजूरी, 3 जुलाई से शुरू होगी Sale, जानिए पूरी डीटेल
Electoral Bonds: राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए चुनावी बाॉन्ड (Electoral Bonds) की शुरुआत की गई थी और इसे नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया था. चुनावी बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री 1-10 मार्च 2018 को हुई थी.
Electoral Bonds: इस साल राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) होने हैं. विधानसभवा चुनावों से पहले सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 27वीं किस्त (27th tranche of electoral bonds) जारी करने को मंजूरी दे दी. इनकी बिक्री 3 जुलाई से शुरू होगी.
बता दें कि यह फैसला राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों से पहले आया है. इन राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा दो महीनों में की जा सकती है. राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए चुनावी बाॉन्ड (Electoral Bonds) की शुरुआत की गई थी और इसे नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया था. चुनावी बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री 1-10 मार्च 2018 को हुई थी.
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3-12 जुलाई तक होगी चुनावी बॉन्ड की बिक्री
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक बयान में कहा कि बिक्री के 27वें चरण के तहत भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 29 ऑथोराइज्ड ब्रांच से 3-12 जुलाई तक चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है. Electoral Bonds की बिक्री के लिए एसबीआई की बेंगलुरु, लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई की शाखाएं अधिकृत की गई हैं.
एसबीआई (SBI) चुनावी बॉन्ड जारी करने वाला एकमात्र ऑथोराइज्ड बैंक है. चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होगा. बयान में कहा गया है कि अगर वैलिड डेट खत्म होने के बाद बॉन्ड जमा किया जाता है तो किसी भी राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा.
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कौन खरीद सकता है Electoral Bonds
चुनावी बॉन्ड(Electoral Bonds) को भारतीय नागरिक और देश में गठित संस्थाएं खरीद सकती हैं. ऐसे पंजीकृत राजनीतिक दल, जिन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत वोट हासिल किए हैं, वे चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा ले सकते हैं.
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