Vegetable Price Hike: राष्ट्रीय राजधानी में बारिश के बाद एक ओर जहां लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर सब्जियों (Vegetable Prices) के तेजी से बढ़ते दामों ने आम लोगों को रुला दिया है. पिछले कई दिनों से लोग बढ़ते दामों को लेकर परेशान हैं. राजधानी दिल्ली में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में महिलाओं के लिए रसोई का बजट मैनेज करना मुश्किल हो रहा है. कई इलाकों में टमाटर 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुका है. टमाटर के अलावा भिंडी, प्याज और शिमला मिर्च जैसी सब्जियों के भी दाम आसमान छू रहे हैं. यहां सभी मंडियों में यही हालत है. रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली अदरक 280 रुपये किलो और हरा धनिया 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है. 

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हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में देर से हुई बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान के चलते राष्ट्रीय राजधानी में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में आम उपभोक्ताओं को टमाटर जैसी रोजमर्रा की चीजें दोगुनी कीमत पर खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. थोक बाजारों में दुकानदारों ने बताया कि खासतौर पर आलू, प्याज और टमाटर जैसी रसोई की मुख्य वस्तुओं के साथ ही फूलगोभी, पत्तागोभी और लौकी जैसी हरी सब्जियों के दामों में उछाल आया है.

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तेज गर्मी और बारिश में देरी के कारण कीमतों में उछाल

आजादपुर सब्जी मंडी के एक व्यापारी संजय भगत ने बताया, फिलहाल टमाटर का थोक भाव 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम है. स्थानीय किस्म का टमाटर 1,200 रुपये प्रति 28 किलोग्राम (एक क्रेट) और हाइब्रिड किस्म का टमाटर 1,400 से 1,700 रुपये में बिक रहा है. पहले टमाटर का भाव 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम था.

उन्होंने कहा, थोक बाजार में अन्य सब्जियों की कीमत करीब 25 से 28 रुपये प्रति किलोग्राम है. जो सब्जियां 10 से 15 रुपये में बिकती थीं, वे अब 25 से 30 रुपये में मिल रही हैं. बीन्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है, जो 40 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही हैं. इस साल तेज गर्मी और बारिश में देरी के कारण कीमतों में उछाल आया है. 

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भगत ने कहा कि ज्यादातर आपूर्तिकर्ता हिमाचल प्रदेश से टमाटर मंगाते हैं, जहां फसल सूख गई है. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में फसलें बारिश पर निर्भर करती हैं और इस बार गर्मी बहुत थी और बारिश बहुत कम हुई. इससे पौधे सूख गए और कीटों से संक्रमित हो गए. उन्होंने कहा कि सूखे के बाद भारी बारिश हुई, जिससे फसलों को और नुकसान पहुंचा.

ओखला सब्जी मंडी के एक व्यापारी ने कहा कि अभी केवल दो जगहों से टमाटर की आपूर्ति हो रही है – कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश. महाराष्ट्र से 10-15 अगस्त के आसपास नई फसल आने तक कीमतें ऊंची रहेंगी.