Paddy Crop: झारखंड में धान की खेती वाले लगभग 86 फीसदी खेत कम बारिश के कारण अभी भी बंजर पड़े हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार 24 में से चार जिलों में अभी तक धान की बुआई शुरू नहीं हुई है, जबकि बुआई का प्रमुख समय अगले हफ्ता समाप्त हो रहा है. अधिकारियों ने बताया कि 26 जुलाई तक झारखंड में 47 फीसदी बारिश कम हुई है. इस स्थिति को लेकर किसान चिंतित हैं और उनका अनुमान है कि राज्य में लगातार तीसरी बार सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.

सिर्फ 19.77 फीसदी हिस्सा ही बोया गया

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राज्य कृषि विभाग की बुवाई रिपोर्ट के अनुसार 26 जुलाई तक 18 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 2.43 लाख हेक्टेयर में धान की फसल बोई गई थी. इसका मतलब है कि कृषि योग्य भूमि का सिर्फ 13.53 फीसदी हिस्सा ही बोया गया है. पलामू, लातेहार, चतरा और देवघर जिलों में धान की बुवाई (Paddy) शुरू नहीं हो सकी है. धान के अलावा मक्का (Maize), दलहन (Pulses), तिलहन  (Oilseeds) और मोटे अनाज सहित अन्य खरीफ फसलों की स्थिति भी अलग नहीं है. खरीफ फसलों की बुवाई 26 जुलाई तक 28.27 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 5.59 लाख हेक्टेयर में हुई है. यानी कृषि योग्य भूमि का सिर्फ 19.77 फीसदी हिस्सा ही बोया गया है.

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झारखंड में बारिश की कमी से चिंतित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 जुलाई को अधिकारियों को कृषि पर इसके प्रभाव पर एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि सहायता के लिए इसे केंद्र के समक्ष रखा जा सके. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान की आदर्श बुवाई अवधि एक जुलाई से 20 जुलाई या अधिकतम 30 जुलाई (स्थानों के अनुसार) है.

धान की सीधी बुवाई करने का सुझाव

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ( BAU), रांची के अनुसंधान निदेशक पी के सिंह ने बताया, बारिश के रुझान बदल रहे हैं और साथ ही बुवाई का पैटर्न भी बदल रहा है. अगर हम पिछले पांच वर्षों के बारिश के रुझानों का अध्ययन करें, तो हम कह सकते हैं कि स्थिति अभी भी चिंताजनक नहीं है. हमें 8 से 10 दिन और इंतजार करना चाहिए. पिछली रात हुई बारिश ने किसानों को काफी राहत दी है. सिंह ने किसानों को मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए चावल की सीधी बुवाई करने का सुझाव दिया.

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अगस्त के मध्य तक धान की बुवाई कर सकते हैं किसान

रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया, पिछले एक हफ्ते से झारखंड में अच्छी बारिश हो रही है और हमें उम्मीद है कि यह अगले सप्ताह भी जारी रहेगी. झारखंड में अगस्त और सितंबर में भी अच्छी बारिश होने की संभावना है. कृषि विभाग के उप निदेशक मुकेश सिन्हा ने कहा, हमें किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए 15 अगस्त तक इंतजार करना होगा. यहां के किसान अगस्त के मध्य तक धान की बुवाई करते हैं.