केंद्र सरकार ने मछली पालन सेक्टर के लिए ₹4969 करोड़ के पैकेज को दी मंजूरी
केंद्र के मत्स्य पालन विभाग ने वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 और चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के दौरान 1823.58 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से के साथ 4969.62 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है.
केंद्र के मत्स्य पालन विभाग ने वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 और चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के दौरान छोटे मछली पकड़ने वाले समुदायों, पारंपरिक मछुआरों के विकास और उन्हें आजीविका सहायता प्रदान करने के लिए 1823.58 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से के साथ 4969.62 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है.
राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में यह जानकारी देते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास और मछुआरों के कल्याण के लिए 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रभावी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मंजूरी दी गई है.
उन्होंने कहा कि जलवायु-अनुकूल जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए, विभाग पीएमएमएसवाई के तहत समुद्री शैवाल, खुले समुद्र में पिंजरे की खेती, कृत्रिम चट्टानों की स्थापना, समुद्री पशुपालन, इंटीग्रेटेड मछली पालन को बढ़ावा देने और अन्य जलवायु-अनुकूल समुद्री कृषि गतिविधियों का समर्थन करता है, ताकि मुख्य रूप से पारंपरिक और छोटे पैमाने के मछुआरों पर पर्यावरणीय प्रभावों को कम किया जा सके. इस उद्देश्य के लिए 115.78 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
TRENDING NOW
Air India में शुरू हुई 96 घंटों की Black Friday Sale, फ्लाइट टिकट्स में बंपर डिस्काउंट, जानिए Promo Code
मिड कैप इंफ्रा कंपनी को मिला ₹1055 करोड़ का ठेका, तीन दिन में दूसरा बड़ा ऑर्डर, सालभर में दिया 85% रिटर्न
PPF का 'जादू': ₹1 करोड़ 74 लाख ब्याज से कमाएं, मैच्योरिटी पर मिलेंगे ₹2.26 करोड़: जानें आसान फॉर्मूला
इसके अलावा, मत्स्य विभाग ने पारंपरिक मछुआरों के लिए 480 गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों के अधिग्रहण, पारंपरिक मछुआरों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए 769.64 करोड़ रुपये के परिव्यय पर निर्यात क्षमता के लिए 1,338 मौजूदा मछली पकड़ने वाले जहाजों को अपग्रेड करने की मंजूरी दी है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएमएमएसवाई के तहत, मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की अवधि के दौरान पारंपरिक और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े सक्रिय मछुआरों के परिवारों को सालाना 5.94 लाख मछुआरों को आजीविका और पोषण सहायता के लिए वित्तीय सहायता दी गई है. इसके अलावा, 131.13 लाख मछुआरों को बीमा कवरेज भी प्रदान किया गया है.
भारत का वार्षिक मछली उत्पादन 2014 से लगभग दोगुना होकर 17.5 मिलियन टन हो गया है, जिसमें इनलैंड फिशिंग अब मरीन फिशिंग से बढ़कर 13.2 मिलियन टन हो गया है. देश अब वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक बन गया है, जिसमें लगभग 30 मिलियन लोग वैल्यू चेन में मछली उत्पादन में शामिल हैं. भारत दुनिया के कुल मछली उत्पादन का लगभग 8 प्रतिशत हिस्सा है.
03:09 PM IST