उद्योग संगठन कार्बन मार्केट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने किसानों को आजीविका बढ़ाने के वास्ते टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद करने के लिए कृषि उद्यमी कृषक विकास चैंबर के साथ साझेदारी की है. कार्बन मार्केट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, भारत में विकासशील बाजार, जैविक खेती (Organic Farming) और कार्बन क्रेडिट के एकीकरण जैसी टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने से किसानों को बेहतर कमाई करने में मदद मिलेगी.

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सीएमएआई जलवायु परिवर्तन से निपटने में कार्बन क्रेडिट के महत्व पर सत्र आयोजित करेगा और अधिकृत प्लेटफॉर्म के जरिए रजिस्ट्रेशन और क्रेडिट अर्जित करने की प्रक्रिया पर मार्गदर्शन प्रदान करेगा.

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कार्बन क्रेडिट (Carbon Credit) एक बाजार-आधारित सिस्टम है जिसे ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन में कमी लाने को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है. इसे कार्बन ऑफसेट भी कहा जाता है.

बयान के अनुसार, सीएमएआई ने रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए कृषि उद्यमी कृषक विकास चैंबर (केयूकेवीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. सीएमएआई के अध्यक्ष मनीष डबकरा ने कहा,  इस सहयोग के जरिए हमारा लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और बदलाव के वित्तपोषण के वास्ते कार्बन क्रेडिट के लाभों का इस्तेमाल करने के लिए टिकाऊ कृषि प्रथाओं की महत्वपूर्ण क्षमता का दोहन करना है.