Shortage Of Fertilizers: केंद्र ने तमिलनाडु और राजस्थान में उर्वरकों की कमी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि चालू रबी सत्र (Rabi Season) के लिए देश भर में यूरिया (Urea) और डीएपी (DAP) सहित प्रमुख उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में त्रिची, तमिलनाडु और राजस्थान में उर्वरकों की कमी का दावा किया गया है. ऐसी खबरें तथ्यों से परे हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि देश में चल रहे रबी (सर्दियों) मौसम की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं.

सभी राज्यों को भेजी जा रही है फर्टिलाइजर

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केंद्र सरकार सभी राज्यों को जरूरत के अनुसार Fertilizers भेज रही है और यह संबंधित राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे जिला के भीतर और जिलों के बीच बेहतर वितरण प्रणाली के माध्यम से इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करें. मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2022 के रबी सत्र के लिए Urea की जरूरत 180.18 लाख टन रहने का अनुमान है. आनुपातिक आधार पर 16 नवंबर तक आवश्यकता 57.40 लाख टन थी, जिसके विरुद्ध सरकार ने 92.54 लाख टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है.

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इस दौरान यूरिया की बिक्री 38.43 लाख टन रही है. इसके अलावा, राज्यों के पास 54.11 लाख टन का पहले का स्टॉक पड़ा है. इसके अलावा, यूरिया संयंत्रों में 1.05 लाख टन और बंदरगाहों पर 5.03 लाख टन का भंडार है.

राज्यों के पास 12.33 लाख टन का पहले का बचा हुआ स्टॉक

मंत्रालय ने कहा कि डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) के मामले में, रबी सत्र के लिए अनुमानित आवश्यकता 55.38 लाख टन की है. आनुपातिक आधार पर 16 नवंबर तक आवश्यकता 26.98 थी. जबकि मंत्रालय ने 36.90 लाख टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है. इस दौरान डीएपी की बिक्री 24.57 लाख टन रही है. इसके अलावा, राज्यों के पास 12.33 लाख टन का पहले का बचा हुआ स्टॉक पड़ा है. इसके अलावा, मांग को पूरा करने के लिए डीएपी संयंत्रों में 0.51 लाख टन और बंदरगाहों पर 4.51 लाख टन का स्टॉक है.

इसी तरह, रबी सीजन के लिए म्यूरेट ऑफ पोटाश (MoP) की अनुमानित आवश्यकता 14.35 लाख टन है. 16 नवंबर तक आनुपातिक आवश्यकता 5.28 लाख टन थी, जबकि मंत्रालय ने 8.04 लाख टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है. इस अवधि के दौरान, एमओपी की बिक्री 3.01 लाख टन हुई और राज्यों के पास इसका पहले का बचा स्टॉक 5.03 लाख टन है. इसके अलावा, एमओपी की मांग को पूरा करने के लिए बंदरगाहों पर 1.17 लाख टन का भंडार पड़ा है.

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एनपीकेएस (NKPS) उर्वरकों के मामले में रबी सत्र के लिए अनुमानित आवश्यकता 56.97 लाख टन की है. 16 नवंबर तक आनुपातिक आधार पर आवश्यकता 20.12 लाख टन थी. इसके एवज में मंत्रालय ने 40.76 लाख टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है.

इस दौरान एनपीकेएस की बिक्री 15.99 लाख टन रही है. इसके अलावा, राज्यों में 24.77 लाख टन का पहले का बचा स्टॉक पड़ा है, जबकि मांग को पूरा करने के लिए संयंत्रों में 1.24 लाख टन और बंदरगाहों पर 2.93 लाख टन का स्टॉक है.

 

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सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP)

रबी सत्र के लिए सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) की अनुमानित आवश्यकता 33.64 लाख टन है. 16 नवंबर तक आनुपातिक आवश्यकता 14.05 लाख टन थी. जबकि मंत्रालय ने 24.79 लाख टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है. इस दौरान एसएसपी की बिक्री 9.25 लाख टन रही है. इसके अलावा, राज्यों में 15.54 लाख टन का पहले का बचा स्टॉक पड़ा है. मांग को पूरा करने के लिए संयंत्रों में 1.65 लाख टन का स्टॉक भी उपलब्ध है.

मंत्रालय ने कहा, इस प्रकार, देश में यूरिया, डीएपी, एमओपी, एनपीकेएस और एसएसपी उर्वरकों की उपलब्धता रबी सत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.

वर्तमान में, गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी की फसलों की बुवाई चल रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस रबी सत्र में 18 नवंबर तक सभी रबी फसलों के तहत कुल खेती का रकबा बढ़ा है और यह 268.80 लाख हेक्टेयर है जो एक साल पहले की समान अवधि में 250.76 लाख हेक्टेयर था.