बकरी पालन ने बदली इस शख्स की किस्मत, 2 महीने की ट्रेनिंग के बाद खड़ा कर दिया ₹10 लाख का बिजनेस
Business Idea: महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले डॉ. रघुनाथ रेवन्नाथ पगिरे ने बकरी प्रजनन यूनिट शुरू करने से पहले दो महीने की ट्रेनिंग ली. इससे उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने और बिजनेस शुरू करने में मदद की है.
कम लागत में मुनाफा वाला बिजनेस है बकरी पालन. (Image- Pixabay)
कम लागत में मुनाफा वाला बिजनेस है बकरी पालन. (Image- Pixabay)
Business Idea: अगर आप कम निवेश में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो बकरी पालन (Goat Rearing) का काम शुरू कर सकते हैं. महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले डॉ. रघुनाथ रेवन्नाथ पगिरे राज्य पशुपालन विभाग, अहमदनगर द्वारा संचालित बकरी डेवलपमेंट मिशन (Goat Development Mission) में काम करते थे. इससे उन्हें बकरी पालन के बारे में 10 वर्षों का अनुभाव और जानकारी थी. उन्होंने तय किया कि देशी बकरियों की नस्लों को विदेशी नस्लों से ब्रीड करके सुधार किया जाए. पशुचिकित्सा डिप्लोमाधारक ने डॉ. रघुनाथ पगिरे ने अपने गांव में बकरी प्रजनन (Goat Breeding) यूनिट शुरू की.
दो महीने की ट्रेनिंग से बढ़ा आत्मविश्वास
मैनेज के मुताबिक, उन्होंने बकरी प्रजनन यूनिट शुरू करने से पहले दो महीने की ट्रेनिंग ली. वो कृषि विज्ञान केंद्र, बभलेश्वर में आयोजित एग्री-क्लीनिक और एग्री-बिजनेस सेंटर (एसी और एबीसी) योजना के तहत उद्यमशीलता प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसने उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने और बिजनेस शुरू करने में मदद की है.
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5 लाख रुपये की लागत से बिजनेस शुरू
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डॉ रघुनाथ ने 5 लाख रुपये की अपनी पंजी के साथ बकरी प्रजनन (Goat Breeding) का काम शुरू किया. उन्होंने उस्मानाबादी (Osmannabadi) और ब्लैक बंगाल (Black Bengal) नस्लों की 100 मादा और 5 नर बकरियों से बिजनेस की शुरुआत की. नर और मादा का चयन छोटी नस्लों (ब्लैक बंगाल) में 6 महीने के शरीर के वजन और मध्यम और बड़ी नस्लों (उस्मानाबादी) में 9 महीने के शरीर के वजन के आधार पर किया जाता है. मादा का चयन पहली किडिंग के समय उम्र और वजन के आधार पर भी किया जाता है. डॉ. पगिरे किसानों को बकरी पालन की सलाह भी देते हैं और प्रशिक्षण भी देते हैं.
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उस्मानाबादी और ब्लैक बंगाल बकरियों की खासियत
उस्मानाबादी बकरी की नस्ल महाराष्ट्र के ओस्मानाबाद जिले में पाई जाती है. इस नस्ल का पालन दूध और मांस दोनों के लिए किया जाता है. वहीं, ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियां पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा में पाई जाती है. इन बकरियों के पैर छोटे होते हैं और रंग काला होता है. व्यस्क नर बकरी का वजन 20-25 किलो और मादा बकरी का वजन 15-20 किलो तक होता है.
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बकरी पालन से कर रहे अच्छी कमाई
डॉ पगिरे बकरी पालन से बेहतर कमाई कर रहे हैं. मैनेज के मुताबिक, उन्होंने 5 गावों के 200 किसानों को बकरी पालन की ट्रेनिंग दी है. इसके अलावा, वो लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. साथ ही, बकरी पालन से सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा का बिजनेस कर रहे हैं.
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