शेयर बाजार में ट्रैडिंग प्लैटफॉर्म के तौर पर Zerodha काफी पॉपुलर हो चुका है. ब्रोकिंग इंडस्ट्री में तेजी से उभरती इस कंपनी के CEO और Founder Nithin Kamath ने कंपनी की शुरुआती जर्नी और इसके नाम के पीछ के दिलचस्प किस्से बताए. उन्होंने ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Zee Business Managing Editor Anil Singhvi) से खास बातचीत में ब्रोकिंग के लिए AI की उपयोगिता और नई टेक्नोलॉजी समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.

Zerodha से जुड़ी दिलचस्प कहानी

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Nithin Kamath ने कहा कि  Zerodha के शुरू होने से 10-12 साल पहले का सफर ही सही मायने में सीख दी. इस दौरान अकाउंट को 2 बार ब्लॉक भी किया. फिर 2001-2005 तक कॉल सेंटर में काम किया. उन्होंने बताया कि 2006 में छोटे भाई निखिल कामथ ने उनको जॉइन किया. तब वे रिलायंस के लिए सब-ब्रोकर थे. 

Nithin Kamath अपने बिजनेस के शुरुआती दिनों को याद करते हुए बतातें हैं कि निखिल उनसे ज्यादा अच्छा ट्रेडर था. वो बताते हैं कि एक बार ख्याल आया कि मुझे अलग रास्ता देखना चाहिए, लेकिन कम्युनिटी बिल्डिंग की पसंद ने काम में बनाए रखा. यह वजह रही कि याहू मैसेंजर के जमाने में नितिन देश के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट ग्रुप को चला रहे थे. इस ग्रुप में स्टॉक मार्केट से जुड़े डिस्कशन होते थे. इसके अलावा ऑर्कुट पर भी बड़ा कम्युनिटी था.

Zerodha का अर्थ क्या है?

अनिल सिंघवी से खास बातचीत में नितिन कामथ ने बताया कि उस समय एक्टिव ट्रेडर्स की सबसे बड़ी समस्या ब्रोकिंग कॉस्ट और ब्रोकिंग कंपनीज का प्रॉब्लम सॉल्व न होना था. इसे देखते हुए 15 अगस्त, 2010 को कामकाज शुरू किया. कंपनी का नाम Zerodha रखा, जो जीरो और बाधा से बना है. उन्होंने कहा कि ट्रेडर्स के लिए 'जीरो बैरियर' सोच के साथ कंपनी की शुरुआत

की.  

Zerodha का AI प्लान

नितिन कामथ ने कहा कि Zerodha हमेशा से FD से ज्यादा रिटर्न देने पर फोकस रहा है. उन्होंने कहा कि ब्रोकिंग कारोबार में टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका होगी. देश में एडवाइजरी कारोबार में काफी संभावनाएं हैं. फिलहाल AI की दिशा में कोई ठोस काम नहीं किया है. लेकिन KYC के लिए AI का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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