दिग्गज निवेशक और बर्कशायर हैथवे के मालिक वॉरेन बफे (Warren Buffett) को आज के वक्त में हर कोई जानता है. वह अगर किसी कंपनी में पैसा लगा देते हैं या किसी से पैसे निकाल देते हैं तो यह बात चर्चा का मुद्दा बन जाती है. इसी बीच उन्होंने एक ऐसी कंपनी में पैसा लगाया (Investment) है, जिसे देखकर पूरी दुनिया टेंशन में आ गई है. वॉरेन बफे ने हाल ही में कॉस्मेटिक्स कंपनी Ulta Beauty Inc में निवेश किया है, जिससे तमाम निवेशक टेंशन (Recession) में आ गए हैं. 

कॉस्मेटिक्स कंपनी में निवेश से टेंशन क्यों?

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पिछले कुछ हफ्तों से यह माना जा रहा है कि अमेरिका की इकनॉमी में मंदी आने वाली है. तमाम अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इसकी शुरुआत हो चुकी है. इसी बीच वॉरेन बफे ने कॉस्मेटिक्स कंपनी में पैसा लगाया है. यहां दिलचस्प बात ये है कि मंदी में लिपस्टिक की सेल बढ़ जाती है. अब माना जा रहा है कि वॉरेन बफे ने मंदी का अनुमान लगा लिया है और अब वह उससे पैसे कमाने के लिए कॉस्मेटिक्स कंपनी में निवेश कर रहे हैं. यही वजह है कि तमाम निवेशक टेंशन में हैं.

क्या है ये लिपस्टिक से मंदी पता लगाने की थ्योरी?

पिछले एक दशक में प्रसिद्ध हुए सूचकांकों में से एक है लिपस्टिक इंडेक्स, जिसकी मदद से आर्थिक मंदी का पता लगाया जाता है. इसका इस्तेमाल सबसे पहले एसटी लाउडर के चेयरमैन  Leonard Lauder ने किया था, जिन्होंने 2000 की मंदी में देखा कि महिलाओं की लिपस्टिक की सेल तेजी से बढ़ गई. अमेरिका में 1929 से 1933 के दौरान आए ग्रेट डिप्रेशन के वक्त भी इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट का प्रोडक्शन क्रैश हो गया था, जबकि कॉस्मेटिक्स का प्रोडक्शन बढ़ा था. कुछ ऐसी ही तेजी 2008 की ग्लोबल मंदी के बाद भी देखने को मिली थी. 

कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि आर्थिक हालात बेहतर होने पर महिलाएं ज्यादा कपड़े खरीदती हैं, जबकि इसकी तुलना में मंदी में महिलाएं लिपस्टिक ज्यादा खरीदती हैं. किसी अर्थव्यवस्था में लिपस्टिक की बिक्री के माध्यम से लंबे समय की मंदी का अनुमान लगाया जा सकता है. मुश्किल हालात में महिलाएं ज्यादा आकर्षक दिखने के लिए लिपस्टिक पर अधिक पैसे खर्च करने लगती हैं. यह देखा गया है कि ऐसे वक्त में महिलाओं की दिलचस्पी कपड़े, जूते, पर्स जैसी मंहगी चीजों से घटकर लिपस्टिक की तरफ मुड़ जाती है. मंदी की स्थिति में जहां एक ओर हर प्रोडक्ट की सेल घटती है, वहीं दूसरी ओर लिपस्टिक की सेल बढ़ने लगती है.

मंदी की आहट के अनुमान में कितना दम?

अगर थोड़ा गौर से देखा जाए तो पता चलता है कि पिछले कुछ वक्त में वॉरेन बफे ने एप्पल में अपनी हिस्सेदारी को घटाया है. वहीं बैंक ऑफ अमेरिका में भी अपनी हिस्सेदारी को घटाया है. वहीं दूसरी ओर कॉस्मेटिक्स कंपनी में निवेश किया है. यही वजह है कि दुनिया भर के निवेशक टेंशन में हैं.