क्यों हार गए CCD के फाउंडर वी जी सिद्धार्थ? चिट्ठी में लिखी ये बात, इसका सता रहा था उन्हें डर
CCD: सीसीडी पर कुल मिलाकर साढ़े छह हजार रुपये का कर्ज है. सीसीडी पर 6547 करोड़ और सिकाल लॉजिस्टिक पर 1113 करोड़ रुपये का कर्ज है. इस भारी-भरकम कर्ज की वजह से वह मुश्किल में दिख रहे थे.
कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के फाउंडर वी. जी. सिद्धार्थ लापता हैं. इस खबर से सीसीडी के शेयर पर भी आज भारी असर पड़ा. सिद्धार्थ ने बोर्ड को एक मार्मिक चिट्ठी भी लिखी. बताया जा रहा है कि हाल में कंपनी की माइंड ट्री के साथ जो डील हुई थी, वह काफी गंभीर है. इसको लेकर वह चिंतित थे. सीसीडी और सिकाल लॉजिस्टिक में वह हिस्सेदारी बिक्री करना चाहते थे, ताकि डेट को कम किया जा सके.
सीसीडी पर कुल मिलाकर साढ़े छह हजार रुपये का कर्ज है. सीसीडी पर 6547 करोड़ और सिकाल लॉजिस्टिक पर 1113 करोड़ रुपये का कर्ज है. इस भारी-भरकम कर्ज की वजह से वह मुश्किल में दिख रहे हैं. उन्होंने जो चिट्ठी लिखी है, उसमें इसकी चर्चा करते हुए लिखा है कि मैं इस कर्ज को चुकाने में सक्षम नहीं हूं और मैं हार मानता हूं. इसमें उन्होंने लिखा कि 37 साल की कड़ी मेहनत, कारोबार के लिए कमिटमेंट और कुल 50 हजार नौकरियां देने के बावजूद में मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल बनाने में नाकाम रहा.
कुछ समय पहले साल 2017 में इनकम टैक्स का छापा पड़ गया. वह 300 करोड़ रुपये का बोझ चुकाना चाहते थे. इन पर साल 2017 में टैक्स चोरी का एक मामला था. इसमें विभाग को इनकी 650 करोड़ रुपये की अवैध आय का पता चला था.
सीसीडी को कर्ज देने वालों की लिस्ट भी बड़ी है. आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेस ने सीसीडी को करीब साढ़े चार हजार रुपये का कर्ज दिया हुआ है. एक्सिस ट्रस्टीशिप ने भी 915 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. इसके अलावा एक्सिस बैंक ने 315 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. येस बैंक ने 274 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. इसके अलावा और भी कई संस्थानों ने करोड़ों रुपये का कर्ज दिया है.
वी. जी. सिद्धार्थ की हिस्सेदारी भी गिरवी है. इसलिए भी इनकी हालत काफी खराब है. सीसीडी में प्रमोटर की हिस्सेदारी 53.93 प्रतिशत है, लेकिन उसमें भी 75.70 प्रतिशत हिस्सा गिरवी रखा है. सीसीडी का कर्ज करीब 6500 करोड़ रुपये है और मार्केट कैप इसका करीब आधा यानी 3200 करोड़ रुपये का है.