सेबी ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज पर लगाया ₹26 करोड़ का जुर्माना, जानिए पूरा मामला
कैफे कॉफी डे चलाने वाली कंपनी कॉफी डे पर यह कार्रवाई सब्सिडियरी के फंड का उपयोग प्रोमोटर से जुड़ी एक कंपनी में करने के मामले में हुई.
मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज (Coffee Day Enterprises) पर 26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. कैफे कॉफी डे चलाने वाली कंपनी कॉफी डे पर यह कार्रवाई सब्सिडियरी के फंड का उपयोग प्रोमोटर से जुड़ी एक कंपनी में करने के मामले में हुई. भाषा की खबर के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने एक आदेश में कहा कि कंपनी को यह जुर्माना 45 दिन के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया है.
इसके साथ ही सेबी ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड को मैसूर एमल्गमेटेड कॉफी एस्टेट्स लिमिटेड (MACEL) और उसकी संबंधित इकाइयों से सब्सिडियरी इकाइयों से सभी बकाया राशि ब्याज समेत वसूली के लिए हर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया. कंपनी को बकाया राशि की वसूली के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए एनएसई (NSE) से परामर्श कर एक इंडिपेंडेंट लॉ फर्म नियुक्त करनी होगी.
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फंड डायवर्जन का मामला
सेबी के 43 पन्ने के आदेश के अनुसार, उसने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (CDEL) की सात सब्सिडियरी कंपनियों के 3,535 करोड़ रुपये मैसूर एमल्गमेटेड कॉफी एस्टेट्स लिमिटेड को दिये गये. यह कंपनी सीडीईएल के प्रवर्तकों से जुड़ी है. ये सात सब्सिडियरी कंपनियां- कॉफी डे ग्लोबल, टेंग्लिन रिटेल रिएलिटी डेवलपमेंट्स, टेंग्लिन डेवलपमेंट्स, गिरि विद्युत (इंडिया) लिमिटेड, कॉफी डे होटल्स एंड रिजार्ट, कॉफी डे ट्रेडिंग और कॉफी डे एकॉन हैं.
सेबी ने कहा, MACEL की सात सब्सिडियरी से भेजा गया पैसा VGS (वीजी सिद्धार्थ), उनके परिवार और संबंधित इकाइयों के निजी खातों में है और इसलिए व्यवस्था में बना रहा.
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कॉफी डे के चेयरमैन ने 2019 कर ली थी आत्महत्या
कॉफी डे के चेयरमैन वीजी सिद्धार्थ ने कथित रूप से जुलाई, 2019 में आत्महत्या कर ली थी. खबर है कि उन्होंने एक आत्महत्या से पहले निदेशक मंडल और कॉफी डे परिवार को संबोधित एक पत्र (सुसाइड नोट) भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि वे भारी कर्ज तले दबे हैं.
आदेश के अनुसार, एमएसीईएल लगभग वीजीएस के परिवार के स्वामित्व में है. परिवार की हिस्सेदारी 91.75 प्रतिशत है. साथ ही वीजीएस परिवार सीडीईएल का प्रवर्तक भी है.
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