Kavach 4.0: ट्रेनों में कवच सिस्टम का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है. पहले जहां किसी ट्रेन के लोकोमोटिव इंजन में कवच 4 (Kavach 4.0) इंस्टॉल करने में 15 दिन का समय लगता था, अब ये काम सिर्फ 22 घंटे में पूरा हो जाएगा. देश के 68 लोकोमोटिव मेंटनेंस वर्कशॉप में कवच 4.0 को इंस्टॉल करने का काम तेजी से किया जा रहा है. भारतीय रेलवे के कवच सिस्टम का फायदा इसे बनाने वाली कंपनियों को भी होने वाला है. वर्तमान में HBL, BEL, CG Power, Kernex जैसी कंपनियां रेलवे के लिए ये सिस्टम इंस्टॉल कर रही हैं. 

इन कंपनियों को मिलेगा फायदा!

  • मल्टीबैगर डिफेंस स्टॉक BEL का शेयर आज 2.82 फीसदी की तेजी के साथ 306 पर ट्रेड कर रहा है. इसने पिछले 1 साल में निवेशकों को 117 फीसदी और 2 साल में 185 फीसदी का रिटर्न दिया है. कंपनी का 52वीक हाई 340 और 52वीक लो 140 है. 
  • HBL पावर पिछले 1 साल में निवेशकों 74 फीसदी और 2 साल में 417 फीसदी का दमदार रिटर्न दे चुकी है. कंपनी के शेयर आज करीब 4 फीसदी की तेजी के साथ 601 के लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं. 
  • CG Power and Industrial Solutions Ltd के शेयर की बात करें तो ये आज 2 फीसदी की तेजी के साथ 750 के लेवल पर ट्रेड कर रहा है. इसने पिछले 1 साल में 75 फीसदी और 2 साल में 167 फीसदी का रिटर्न दिया है. 
  • KERNEX MICROSYSTEMS का शेयर वर्तमान में 5% की तेजी के साथ 1051 पर ट्रेड कर रहा है. इसने पिछले 1 साल में 70 फीसदी और 2 साल में 211 फीसदी रिटर्न दिया है. कंपनी ने आज ही अपना 52वीक हाई भी टच किया है. 

हर रोज 200 इंजनों में लग रहा कवच

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेलवे ने बताया कि हर रोज 200 लोकोमोटिव इंजन में कवच 4.0 सिस्टम को इंस्टॉल किया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि अगले 6 साल में पूरे देश में कवच सिस्टम इंस्टॉल हो जाएगा. 

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में भारत में बहुत तेजी और कम लागत के साथ कवच सिस्टम लगाया जा रहा है और Indian Railway बहुत जल्द जीरो ट्रेन एक्सिडेंट और ट्रेन डिरेलमेंट के नए कीर्तिमान को छू लेगी. 

4 घंटे में इस्टॉल हो जाएगा कवच 4.0

रेलवे ने बताया कि देश के 68 लोकोमोटिव मेंटनेंस वर्कशॉप में लोकोमोटिव रेल इंजन और पटरियों पर लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है. देश के हर वर्कशॉप में रोजाना करीब 10 से 12 लोकोमोटिव में कवच इंस्टॉल किए जाने की क्षमता है. 

रेलवे के ऑपरेशन पर ये बात निर्भर करता है कि किस वर्कशॉप में एक दिन में कितने लोकोमोटिव में कवच सिस्टम लग पाता है. मेंटेनेंस के लिए आए लोकोमोटिव के साथ कवच भी फिट होता है. कोई भी लोको किसी वर्कशॉप में 24 घंटे के लिए आता है. ऐसे में उस लोकोमोटिव में कवच 4.0 भी इंस्टॉल किया जाता है. 

2 साल में 10 हजार लोकोमोटिव में इंस्टॉल होगा कवच 4.0

भारतीय रेलवे ने बताया कि वर्तमान में रेलवे के पास कुल 18 हजार इलेक्ट्रिफाइड लोकोमोटिव हैं. इन इंजनों में 2 साल में 10 हजार लोकोमोटिव में कवच इंस्टॉल करने का टारगेट रखा गया है. जबकि उसके अगले 4 साल में सभी इलेक्ट्रीफाइड लोकोमोटिव में और देश भर के इलेक्ट्रीफाइड रेल ट्रैक पर कवच 4 इंस्टॉल होना है. 

9 हजार कर्मचारियों को मिली ट्रेनिंग

लोकोमोटिव इंजन में तेजी से कवच सिस्टम इंस्टॉल करने के लिए रेलवे ने सबसे पहले 9 हजार रेल कर्मियों को इसे लेकर ट्रेनिंग दी है. फिलहाल रेलवे की तरफ से कुल 15 हजार किलोमीटर रेल ट्रैक पर कवच लगाने का टेंडर दिया गया है और अभी तक एक हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर कवच इंस्टॉल कर दिया गया है, जिनमें मुंबई से बड़ौदा और दिल्ली से पलवल रूट शामिल हैं.