बिजली का व्यापार करने वाला सरकारी उपक्रम पीटीसी इंडिया कुल 1900 मेगावाट क्षमता के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से एक पायलट योजना के तहत मध्यावधि (तीन साल के) बिजली खरीद समझौते (पीपीए) करेगा. पायलट परियोजना इसी वर्ष शुरू की गयी है.

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बिजली मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन बिजलीघरों को अभी खरीददार नहीं मिले हैं और ये समझौते उन्हें संकट से उबारनें में मददगार हो सकते हैं. इन समझौतों को अंतिम रुप दिया जा चुका है.

अधिकारी ने अपना नाम न जाहिर किए जाने की शर्त पर कहा, 'पीटीसी इंडिया ने 4.24 रुपये प्रति यूनिट की दर से कुल 1,900 मेगावाट क्षमता की इकाइयों के साथ समझौते के अंतिम रुप दे दिया है. ये समझोते तीन वर्ष की मध्यम अवधि के लिये है. इनमें तय दर में स्थिर लागत के लिए प्रति यूनिट नाम मात्र के एक पैसे का प्रावधान रखा गया है. यह समझौता त्योहारी सीजन से पहले होगा.' 

सरकार ने पायल योजना के तहत 2500 मेगावाट क्षमता की कोयला आधारित इकाइयों के लिए बोली आमंत्रित की थीं पर बाद में 600 मेगावाट क्षमता की इकाइयों इससे अलग हो गयीं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)