भारत सरकार द्वारा विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिये नियम सख्त करने पर अमेरिकी उद्योग जगत से जुड़े एक समूह ने चिंता व्यक्त की है. समूह का कहना है कि सरकार के इस कदम से लंबे समय में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उपभोक्ताओं को भी इससे नुकसान पहुंचेगा. सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में बदलाव की घोषणा की है. इसके चलते विदेशी निवेश वाली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली छूट और कैशबैक जैसी पेशकशें खत्म हो जायेंगी.

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फ्लिपकार्ट और अमेजन होगा ज्यादा असर

माना जा रहा है कि फरवरी 2019 से लागू होने वाले इन नये नियमों से ई-कॉमर्स क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियां फ्लिपकार्ट और अमेजन सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी. यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की शाखा यूएस इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स (यूएसएआईसी) की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, "भारत सरकार द्वारा ई-कामर्स नियमों में किया गया बदलाव चिंता का विषय है. हम अभी पूरे पहलू को समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें डर है कि सरकार द्वारा किये गये बदलावों से लंबे समय में अमेरिकी निवेश और भारतीय ग्राहकों दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा." 

 

भारतीय ग्राहकों के हित में नहीं

बिस्वाल ने कहा, "हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इन नियमों के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाए और नीति प्रभावी होने से पहले उस पर प्रतिक्रिया देने के लिये समय दिया जाए." यूएस इंडिया स्ट्रैटिजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश आघी ने कहा, "नियमों में यह बदलाव भारतीय ग्राहकों के हित में नहीं है."

 

(इनपुट एजेंसी से)