ONGC Latest Update: शेयर बाजार के निवेशक हैं और ONGC में पैसा लगाया है तो ये खबर आपके लिए है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी अपनी पेट्रोरसायन फर्म ओपल में करीब 15,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है जिसके बाद गैस कंपनी गेल इंडिया इससे अलग हो जाएगी. गुजरात के दाहेज में एक बड़े पेट्रोरसायन संयंत्र का परिचालन करने वाली ओएनजीसी पेट्रो-एडिशंस लिमिटेड (ओपल) में ओएनजीसी की हिस्सेदारी फिलहाल 49.36 प्रतिशत है. 

कर्ज में डूबी ओपल कंपनी 

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वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL) के पास 49.21 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी 1.43 प्रतिशत हिस्सेदारी गुजरात राज्य पेट्रोरसायन निगम (जीएसपीसी) के पास है. ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के निदेशक मंडल ने भारी कर्ज में डूबी ओपल के वित्तीय पुनर्गठन के बारे में पिछले सप्ताह फैसला किया. 

7000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश

इस योजना के तहत ओएनजीसी शेयर वॉरंट को इक्विटी में बदलने, 7,778 करोड़ रुपये के परिवर्तनीय डिबेंचर की पुनर्खरीद और 7,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने जा रही है. शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कंपनी ने कहा कि वित्तीय पुनर्गठन पर कुल 14,864.281 करोड़ रुपये की लागत आएगी. 

ओपल में ONGC की हिस्सेदारी होगी 95%

इस हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बाद ओपल में ओएनजीसी की हिस्सेदारी बढ़कर करीब 95 प्रतिशत हो जाएगी. इसके साथ ही ओपल ओएनजीसी की एक अनुषंगी बन जाएगी. ओपल की शुरुआत 15 नवंबर, 2006 को दाहेज में एक विशाल पेट्रोरसायन परिसर की स्थापना के साथ की गई थी. इस परिसर की वार्षिक क्षमता 15 लाख टन पॉलिमर उत्पादन, पांच लाख टन रसायन एवं अन्य उत्पादों की है.

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