Google vs CCI: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने कहा कि वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश के खिलाफ गूगल की अपील पर 28 नवंबर को सुनवाई करेगा. प्रतिस्पर्धा नियामक ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पर प्ले स्टोर नीतियों के संबंध में अपनी दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग को लेकर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. 

28 नवंबर को होगी सुनवाई

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यह मामला NCLAT की पीठ के समक्ष सोमवार को सूचीबद्ध था. पीठ में चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और आलोक श्रीवास्तव शामिल है. पीठ ने CCI सहित संबंधित पक्षों से चार हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. इसके अलावा पीठ ने गूगल को इसका रिस्पॉन्स देने यदि कोई हो, के लिए दो सप्ताह का समय भी दिया है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने मामले को सुनवाई के लिए 28 नवंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.

गूगल पर करोड़ों के जुर्माने की वजह

CCI ने 25 अक्टूबर, 2022 को प्ले स्टोर नीतियों को लेकर अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. नियामक ने कंपनी को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार से बचने को भी कहा था. इसे गूगल ने NCLAT के समक्ष चुनौती दी थी. इस साल 11 जनवरी को, न्यायमूर्ति कुमार और श्रीवास्तव की NCLAT पीठ ने गूगल को इस मामले में अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. इसने गूगल को अपनी रजिस्ट्री के पास जुर्माने का 10 फीसदी जमा करने का निर्देश दिया था और मामले को 17 अप्रैल, 2023 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था.

गूगल ने दी थी उच्चतम न्यायालय में चुनौती

इसी तरह, चार जनवरी को इसी पीठ ने अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम की दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग के लिए गूगल पर CCI द्वारा लगाए गए 1,337 करोड़ रुपये जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए उसे कुल राशि का 10 प्रतिशत जमा करने के लिए कहा था. दोनों मामलों को गूगल ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्चतम न्यायालय ने 1,337 करोड़ रुपये के जुर्माने का मामला NCLAT के पास वापस भेज दिया और गूगल की अपील पर 31 मार्च तक फैसला करने को कहा था.

चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और आलोक श्रीवास्तव की NCLAT की पीठ ने 29 मार्च को पारित आदेश में गूगल पर जुर्माने को उचित ठहराया था. हालांकि, इसने प्ले स्टोर पर तीसरा पक्ष ऐप स्टोर को होस्ट करने की अनुमति जैसी शर्तों को हटा दिया था. बाद में गूगल ने 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने के मामले को NCLAT में ही आगे बढ़ाने का फैसला किया.

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