महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप की इन्वेस्टमेंट फर्म महिंद्रा पार्टनर्स ने स्पेशल आई केयर चेन सेंटर फॉर साइट (NDCFS) में 206.5 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया है. इस डील के बाद सेंटर फॉर साइट में मैट्रिक्स पार्टनर्स की हिस्सेदारी पूरी तरह खत्म हो गई है. डील के तहत प्राइमेरी और सेकेंडरी कंपोनेंट के आधार पर सेंटर फॉर साइट के प्रोमोटर और चेयरमैन महिपाल सचदेव भी 20 करोड़ का निवेश करेंगे. डील से सेंटर फॉर साइट की हेल्थकेयर सेगमेंट में स्थिति मजबूत होगी. 

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मैट्रिक्स पार्टनर्स हुई बाहर

महिंद्रा पार्टनर्स की NDCFS में एंट्री के साथ ही वेंचर कैपिटल फर्म मैट्रिक्स पार्टनर्स निवेशक के तौर पर पूरी तरह बाहर हो गई है. मैट्रिक्स पार्टनर्स लंबे समय से NDCFS में निवेशक कंपनी थी. महिपाल सचदेव के मुताबिक, मैट्रिक्स पार्टनर्स ने सेंटर ऑफ साइट में 2010 में 80 करोड़ रुपए से निवेश शुरू किया था और इस निवेश से उसने करीब 160 करोड़ रुपए की कमाई की है.

महिंद्रा पार्टनर्स का हेल्थकेयर में दूसरा बड़ा निवेश

महिंद्रा पार्टनर्स के मैनेजिंग पार्टनर पराग शाह ने कहा कि सेंटर फॉर साइट के साथ साझेदारी उनका सही कदम है. क्योंकि, सेंटर फॉर साइट हेल्थकेयर सेगमेंट में काफी तेज से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा महिंद्रा पार्टनर्स के लिए यह हेल्थकेयर सेगमेंट में दूसरा बड़ा निवेश है. 2017 में कंपनी ने विशाल बाली के नेतृत्व वाले मेडवेल वेंचर्स में 21 मिलियन डॉलर का निवेश किया था. मेडवेल वेंचर्स नाइटिंगेल्स होम हेल्थ सर्विसेज को संचालित करती है.

'हेल्थकेयर के लिए तैयार करेंगे प्लेटफॉर्म'

पराग के मुताबिक, कंपनी हेल्थकेयर सेक्टर पर फोकस कर रही है. पिछले 12-18 महीनों में कंपनी ने इस क्षेत्र को काफी करीब से देखा है. यही वजह है कि कंपनी ने अपने निवेश को दोगुना करने का फैसला किया. कंपनी हेल्थकेयर के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार करना चाहती है. कंपनी का फोकस है कि ब्रांड और कंपनी को इस सेगमेंट में विकसित किया जाए.

एक्सपेंशन पर खर्च होगी रकम

सेंटर फॉर साइट के प्रोमोटर महिपाल सचदेव ने कहा निवेश से मिली रकम को अपनी तकनीक और क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा कंपनी का फोकस संभावित अधिग्रहण पर भी है. अगले 4 साल में कंपनी 40 नए सेंटर खोलने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी इलाकों में विस्तार की योजना है. कंपनी की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश है और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.