डायरेक्ट इंश्योरेंस बेचने पर कस्टमर को कम प्रीमियम करना होगा ऑफर, IRDAI का कंपनियों के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन
Insurance News: पॉलिसी बिक्री से जुड़े खर्चों की सिंगल लिमिट तय होने के बाद सरकारी कंपनियों (insurance) को पॉलिसी बिक्री के लिए ज्यादा मशक्कत करना होगा, क्योंकि अभी तक ऑपरेटिंग खर्च और कमीशन खर्च की अलग अलग सीमा थी.
Insurance News: इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर इंश्योरेंस कंपनी ग्राहक को डायरेक्ट इंश्योरेंस (Direct Insurance) बेचती है तो प्रीमियम में डिस्काउंट देना होगा. यानी इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट से इंश्योरेंस खरीदने पर प्रीमियम कम देना पड़ेगा. IRDAI के कमीशन से जुड़े ड्राफ्ट रेगुलेशन के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कंपनियां कुल जुटाए गए प्रीमियम का मैक्सिमम 20% कमीशन के तौर पर दे सकती है.
कुल खर्च की मैक्सिमम लिमिट प्रीमियम का 30% है तय
यह लिमिट पोर्टफोलियो स्तर की सीमा पर और कारोबार की इंडिविजुअल लाइन पर नहीं है यानी कोई जनरल इंश्योरेंस कंपनी हेल्थ कारोबार को बढ़ाना चाहती है तो हेल्थ इंश्योरेंस में ज्यादा कमीशन दे सकती है और मोटर कारोबार के लिए कमीशन की लिमिट कम रख सकती है. इससे पहले हाल में ही में रेगुलेटर ने कुल खर्च की अधिकतम लिमिट प्रीमियम के 30% तय की है. इस 30% के अंदर ऑपरेटिंग खर्च और कमीशन खर्च की दोनों शामिल हैं.
उदाहरण के तौर पर अगर कोई कंपनी 100 रुपए प्रीमियम (Direct Insurance Premium)कमाती है तो कुल खर्च 30 रुपए तक कर पाएगी, जिसमें 20 रुपए एजेंट और एग्रीग्रेटर कमीशन और बाकी दस रुपए सैलरी,विज्ञापन,रिवॉर्ड्स के शामिल होंगे.
कंपनियों के लिए बदल जाएंगी ये चीजें
पॉलिसी बिक्री से जुड़े खर्चों की सिंगल लिमिट तय होने के बाद सरकारी कंपनियों (insurance) को पॉलिसी बिक्री के लिए ज्यादा मशक्कत करना होगा, क्योंकि अभी तक ऑपरेटिंग खर्च और कमीशन खर्च की अलग अलग सीमा थी. लेकिन अब सिंगल लिमिट के बाद सरकारी कंपनियों के खर्च का 70% तक मैनेजमेंट और ऑपरेटिंग खर्च में होगा.निजी कंपनियों में ये 30-35% ही है. यानी निजी कंपनियां ज्यादा कमीशन,रिवॉर्ड्स और विज्ञापन पर ज्यादा खर्च कर पाएंगी.