दिग्गज आईटी कंपनी Infosys के आज गुरुवार को सितंबर तिमाही के नतीजे आने हैं. कंपनी बायबैक का ऐलान भी कर सकती है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कंपनी किस भाव पर बायबैक ला सकती है, क्या असर देखने को मिल सकता है. सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अरमान नाहर ने अपने कैलकुलेशन के हवाले से बताया कि अनुमान ये है कि इस बार के बायबैक का भाव 1740 से 1800 के आसपास रह सकता है. पिछले ट्रेंड्स को देखें तो इस हिसाब से कंपनी ऐलान के दिन के भाव से 18-21% प्रीमियम पर बायबैक करती है. और इसके लिए उनके कैश/कैश इक्वीवेलेंट/इन्वेस्टमेंट/असेट का लगभग 36 से 40 फीसदी इस्तेमाल होता है. 

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हमारे एनालिस्ट ने बताया कि इन असेट्स का मौजूदा टोटल 22,000 करोड़ है, तो अगर इसका 36 से 40 पर्सेंट देखें तो लगभग 8,000 करोड़ से 9,000 करोड़ का यह बायबैक हो सकता है. करीब 12 से 14 पर्सेंट पेडअप इक्विटी का इस्तेमाल संभव है.

पिछली बार से क्या होगा अलग?

इन्फोसिस जून, 1993 में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद से अब तक तीन बार ही बायबैक लेकर आया है. पहला 2017, दूसरा 2019 और तीसरा 2021 में आया था. 2017 में कंपनी बायबैक टेंडर रूट के जरिए लेकर आई थी. उसके बाद के दो बायबैक ओपन मार्केट से आए हैं. ऐसे में संभव है कि इस बार भी बायबैक ओपन मार्केट से ही आए.

दूसरी बात, बायबैक को लेकर ऐसा होता है कि इसका भाव हमेशा पिछले बायबैक से ऊपर ही रखा जाता है. 2017 में इसका भाव 1150 था, फिर 1600 आया, फिर 1700 आया, तो इस लिहाज से माना जा सकता है कि इस बार कीमतें 1740 से 1800 के बीच में रह सकती हैं. 

ओपन मार्केट में आने से क्या रहेगा असर

Zee Business के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि टेंडर ऑफर आने से शॉर्ट टर्म के ट्रेडर्स भी इसका फायदा उठाने वाले आ जाते हैं. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि टेंडर ऑफर हो या ओपन मार्केट परचेज के लिए आए. जिनको पांच साल के लिए इन्फोसिस रखना है, अल्टीमेटली ओपन मार्केट में इसका वैल्यू बढ़ेगा तो उन्हें फायदा होगा ही. वहीं, टेंडर ऑफर होता है तो लोग इंटरेस्ट कैलकुलेट करके शॉर्ट टर्म में कमाई कर लेते हैं, तो दोनों के अपने फायदे और अपने नुकसान हैं.