कम दाम पर पेट्रोल-डीजल बेचने का असर, इंडियन ऑयल को दूसरी तिमाही में 272 करोड़ का घाटा
Indian Oil result: सितंबर तिमाही में इंडियन ऑयल को 272 करोड़ का नुकसान हुआ है. सितंबार 2021 तिमाही में कंपनी को 6360 करोड़ का फायदा हुआ था. जून तिमाही में यह नुकसान 1992 करोड़ रहा था.
Indian Oil result: सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil) ने शनिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में लागत से कम दाम पर पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की बिक्री करने से उसे 272 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है. आईओसी ने शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में उसने 6,360.05 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था. इसके पहले अप्रैल-जून की तिमाही में भी आईओसी को 1,992.53 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था. इस तरह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में आईओसी का कुल घाटा बढ़कर 2,264.88 करोड़ रुपए हो चुका है. एक साल पहले की समान अवधि में आईओसी ने 12,301.42 करोड़ रुपए का लाभ कमाया था.
ऑपरेटिंग इनकम में आया उछाल
आईओसी के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य पेट्रोलियम कंपनियों को भी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारी घाटा उठाना पड़ा था. इसकी वजह लागत के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करना रही. दरअसल बढ़ती महंगाई पर काबू पाने में सरकार की मदद के लिए पेट्रोलियम कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है. हालांकि जुलाई-सितंबर 2022 की तिमाही में आईओसी की परिचालन आय (operating income) बढ़कर 2.28 लाख करोड़ रुपए हो गई जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1.69 लाख करोड़ रुपए रही थी.
52 हफ्ते के निचले स्तर पर यह शेयर
लगातार घाटे के कारण इस कंपनी के शेयर पर भी दबाव बना हुआ है. बीते हफ्ते यह शेयर 68.45 रुपए के स्तर पर बंद हुआ. 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 94.33 रुपए है, जबकि न्यूनतम स्तर 65.20 रुपए है. इस साल अब तक इस शेयर में 20 फीसदी की गिरावट आई है.
150 रुपए तक का टार्गेट
ब्रोकरेज इन शेयरों को लेकर काफी बुलिश हैं. ICICI Securities ने Indian Oil में खरीद की सलाह दी है और इसके लिए टार्गेट प्राइस 85 रुपया है. IIFL Securities के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का तो मानना है कि एक साल में यह शेयर 150 रुपए तक पहुंच सकता है. कच्चे तेल की ऊंची कीमत और पेट्रोल-डीजल की कीमत में स्थिरता से इन कंपनियों का घाटा बढ़ रहा है. हालांकि, मंदी की आहट से इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल सस्ता हो रहा है. ऐनालिस्ट का मानना है कि लंबी अवधि में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आएगी और पेट्रोल-डीजल प्राइस रिवीजन से कंपनी के ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार होगा और शेयर में तेजी आएगी.
(भाषा इनपुट के साथ)