Hindustan Aeronautics Share Price: रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने 7 जुलाई को डोर्नियर विमानों (Dornier Aircraft) की खरीद के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक करार किया है. एसोसिएटेड इंजीनियरिंग सपोर्ट पैकेज के साथ भारतीय तटरक्षक (ICG) के लिए Dornier Aircraft की यह खरीद की जा रही है. इस करार के मुताबिक इन 2 विमानों की खरीद पर 458.87 करोड़ रूपए की कुल लागत आएगी.

समुद्री क्षेत्रों की हवाई निगरानी क्षमता बढ़ेगी

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रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह विमान कई उन्नत उपकरण जैसे ग्लास कॉकपिट (glass cockpit), समुद्री गश्ती रडार (maritime patrol radar), इलेक्ट्रो-ऑप्टिक इंफ्रा-रेड डिवाइस, मिशन प्रबंधन प्रणाली आदि से सुसज्जित होंगे. इसके जुड़ने से ICG की जिम्मेदारियों के तहत आने वाले समुद्री क्षेत्रों की हवाई निगरानी क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा.

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Defence Ministry ने बताया कि डोर्नियर विमानों ((Dornier Aircraft)) का कानपुर के एचएएल (परिवहन विमान प्रभाग) में स्वदेशी रूप से विनिर्माण किया जाता है और इससे सरकार की 'मेक इन इंडिया' (Make in India) पहल के अनुरूप रक्षा में आत्मनिर्भरता अर्जित करने में उल्लेखनीय योगदान प्राप्त होगा.

IAF खरीदेगी 6 डोर्नियर-228 विमान

बता दें कि इससे पहले इसी साल 10 मार्च को भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के लिए 6 डोर्नियर-228 विमानों की खरीद का फैसला भी लिया जा चुका है. भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जा रहे इन विमानों की लागत लगभग 667 करोड़ रुपए है. रक्षा मंत्रालय ने 10 मार्च को 667 करोड़ रुपये की लागत वाले इस रक्षा सौदे को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता किया था. रक्षा मंत्रालय के अनुसार डोर्नियर-228 विमानों की खरीद भी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से की जाएगी.

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रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वायु सेना के लिए खरीदे जा रहे विमानों का उपयोग भारतीय वायु सेना द्वारा रूट ट्रांसपोर्ट और संचार संबंधित सैन्य कार्य के लिए किया जाता रहा है.इसके साथ ही इन विमानों का उपयोग भारतीय वायुसेना के परिवहन पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भी किया गया है.

6 विमानों की वर्तमान खेप एक उन्नत ईंधन-कुशल इंजन के साथ पांच ब्लेड वाले समग्र प्रोपेलर के साथ खरीदी जाएगी. यह विमान उत्तर पूर्व के अर्ध-तैयार, लघु रनवे और भारत की द्वीप श्रृंखलाओं से छोटी दूरी के संचालन के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है. रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) का कहना है कि इन छह विमानों के शामिल होने से दूर-दराज के इलाकों में भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता में और इजाफा होगा.

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