बंद हो सकती है टेलीकॉम कंपनी BSNL! केंद्र सरकार इस वजह से उठा सकती है कदम
कंपनी से इस सुझाव पर विचार करने को कहा गया है. हालांकि, अभी तक सरकार इसमें विनिवेश की प्रक्रिया को अपनाने की प्लानिंग कर रही थी.
रिलायंस जियो की एंट्री के बाद से टेलीकॉम इंडस्ट्री में छिड़े प्राइस वार से सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL को भी बड़ा झटका लगा है. कंपनी लगातार घाटे में है और केंद्र सरकार इसके विनिवेश की तैयारी कर रही है. लेकिन, अब खबर है कि खुद केंद्र सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को बंद करने का सुझाव दिया है. कंपनी से इस सुझाव पर विचार करने को कहा गया है. हालांकि, अभी तक सरकार इसमें विनिवेश की प्रक्रिया को अपनाने की प्लानिंग कर रही थी. ऐसे में अब कर्मचारियों से लेकर बीएसएनएल के यूजर्स तक पर खतरा है. अगर कंपनी को बंद होती है तो यह कंपनी के लिए बड़ा सेटबैक हो सकता है.
31 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 के अंत तक बीएसएनएल का कुल घाटा 31287 करोड़ रुपए पहुंच चुका है. सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने बीएसएनएल के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की है. बैठक में बीएसएनएल के अधिकारियों को इसे बंद करने पर विचार करने के लिए कहा गया है.
बीएसएनएल ने पेश किया प्रेजेंटेशन
बैठक में BSNL के चेयरमैन अनुपम श्रीवास्तव ने एक प्रेजेंटेशन पेश किया था. इस प्रेजेंटेशन में कंपनी की वित्तीय हालत, घाटा और रिलायंस जियो की एंट्री के बाद उसके कारोबार पर कितना असर पड़ा, इसका लेखा-जोखा था. इसके अलावा कर्मचारियों के वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और समय से पहले रिटायरमेंट प्लान का भी प्रेजेंटेशन दिया गया.
विनिवेश नहीं तो कंपनी बंद करने पर विचार
सरकार एक तरफ बीएसएनएल के विनिवेश की तैयारी कर रही है. वहीं, अब कंपनी से कारोबार को बंद करने पर विचार करने को कहा है. सरकार ने बीएसएनएल से तमाम विकल्पों पर विचार करने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक, बीएसएनएल को 3 विकल्पों पर विचार करना है. इनमें पहला कंपनी में रणनीतिक विनिवेश, दूसरा कंपनी का कारोबार बंद करना और तीसरा वित्तीय सहायता के साथ कंपनी को दोबारा मजबूत बनाना शामिल है.
क्या है कंपनी के लिए बड़ी चुनौती
बीएसएनएल ने अपनी प्रेजेंटेशन में कहा है कि दूसरी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के अलावा उनकी बड़ी चुनौती बड़ी संख्या में उसके कर्मचारी हैं. कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए वीआरएस और रिटायरमेंट की उम्र को 60 से घटाकर 58 करने का भी विकल्प दिया गया गया है. कंपनी के मुताबिक, अगर वर्ष 2019-20 से रिटायरमेंट उम्र घटा दी जाती है, तो इससे कंपनी को वेतन के मद में 3,000 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है.
टारगेट पर 67 हजार कर्मचारी
बीएसएनएल के मुताबिक, वीआरएस के जरिए 56-60 साल के कर्मचारियों को टारगेट किया जाएगा. इस उम्र वर्ग में करीब 67 हजार कर्मचारी हैं. कंपनी का कहना है कि अगर इनमें से 50 फीसदी यानी करीब 33846 कर्मचारियों को भी वीआरएस दिया जाता है तो इससे भी वेतन में 3 हजार करोड़ रुपए की बचत हो सकती है. इसके अलावा विभिन्न मदों में अनुग्रह राशि 6,900 करोड़ रुपए से 6,300 करोड़ रुपए हो सकती है.
मुद्गीकरण का भी सुझाव
BSNL ने मुद्रीकरण का भी सुझाव दिया है. इसमें बीएसएनएल की बड़ी जमीनों और बिल्डिंग्स को बेचकर 15 हजार करोड़ रुपए जुटाया जा सकता है. कंपनी ने कहा कि यह काम अगले दो से तीन साल में डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट ऐंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) की ओर से किया जा सकता है.