AAI's stake sale: केंद्र सरकार ने दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट का ऑपरेशन करने वाले निजी संयुक्त उद्यमों में भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण (AAI) की हिस्सेदारी की प्रस्तावित बिक्री को फिलहाल टाल दिया है. भाषा की खबर के मुताबिक, सार्वजनिक स्वामित्व वाले एएआई की इन चार प्रमुख एयरपोर्ट में बाकी की हिस्सेदारी राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत बेची जानी थी. इस योजना की घोषणा पिछले वर्ष अगस्त में की गई थी.

भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण की हिस्सेदारी

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खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (NMP)के जरिये वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपये की कुल मौद्रीकरण क्षमता होने का अनुमान है. दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट्स का ऑपरेशन करने वाले संयुक्त उपक्रमों में एएआई (Airports Authority of India) की 26-26 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं हैदराबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट का परिचालन करने वाले संयुक्त उपक्रमों में उसकी हिस्सेदारी 13-13 प्रतिशत है.

अभी इनका मूल्यांकन कम हो सकता है

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इन चारों संयुक्त उपक्रमों में एएआई (AAI)की शेष या बाकी हिस्सेदारी की बिक्री फिलहाल के लिए टालने का फैसला लिया है क्योंकि अभी इनका मूल्यांकन कम हो सकता है. एनएमपी के तहत कुल 25 एयरपोर्ट और चार एयरपोर्ट के संयुक्त उपक्रमों में एएआई AAI) की बाकी हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया जा रहा है. इन परिसंपत्तियों की बिक्री से 2022-25 तक मिलने वाला कुल अनुमानित मूल्य 20,782 करोड़ रुपये है.

इसमें से 10,000 करोड़ रुपये का मौद्रिक मूल्य हवाई अड्डों के निजी संयुक्त उपक्रम में एएआई (Airports Authority of India) की हिस्सेदारी को बेचने से मिलने का अनुमान है.

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